इस्राईल के हमलों में शहीद हुए लोगों की अंतिम यात्रा में पूरा ईरानी राष्ट्र एकजुट होकर अपने नायकों को विदाई देने के लिए उमड़ आया। ईरान के अलग अलग शहरों मे हुए अंतिम संस्कार में लोगों ने रिकार्ड स्तर पर हाजिरी दर्ज कराई।
अंतिम संस्कार के दौरान, माहौल आस्था और प्रतिरोध के नारों से गूंज उठा, पूरे शहर में "लब्बैक या हुसैन" और "इस्राईल मुर्दाबाद" जैसे नारे गूंज रहे थे, जबकि हर शहर में लोगों ने एकजुटता और एकता का अभूतपूर्व प्रदर्शन किया।
आज बहिशते-ए-ज़हरा में तशीए जनाज़ा नमाज़े जनाज़ा और दुआओं के साथ शुरू हुई जिसमें देश के सैन्य अधिकारियों शहीदों के परिवार, उलमा, सरकारी हस्तियाँ और हज़ारों शोक संतप्त नागरिक शामिल हुए। इस अवसर पर बहिश्ते-ए-ज़हरा का माहौल तकबीर, सलावात और नारों से गूंज रहा था। साथ साथ जनता का रोष समय-समय पर "अमेरिका मुर्दाबाद" और "इस्राईल मुर्दाबाद" के नारों के साथ जाहिर हो रहा था।
इस्लामी ईरान के दो महान सपूतों, रिवोल्यूशनरी गार्ड्स एयर फ़ोर्स के प्रमुख, शहीद जनरल हाजीज़ादेह और शहीद जनरल महमूद बाक़री को बहिशते ज़हरा में सुपुर्द-ए-ख़ाक किया गया।
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