ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला करते हुए अमेरिका ने एक बार फिर सभी अंतर्राष्ट्रीय कानूनों और संयुक्त राष्ट्र के चार्टर का गंभीर उल्लंघन किया जबकि ब्रिटेन ने अमेरिका के हमलों को सही ठहराया है वहीं अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने अमेरिका की इस हरकत पर चिंता जताते हुए इन हमलों की कड़ी निंदा की है।
सऊदी अरब ने इस हमले की निंदा करते हुए इलाके के हालात को लेकर चिंता जताई और कहा कि हम घटनाक्रम पर बारीकी से नजर रखे हुए हैं। वहीं यमन ने कहा कि हम अमेरिका के साथ हुए युद्ध विराम को खत्म करते हुए अमेरिकी युद्धपोत को निशाना बनाने के लिए तैयार हैं।
वहीं ट्रम्प को शांति नोबेल के लिए नामित करने वाले पाकिस्तान ने भी इन हमलों को गलत बताया है। इराक ने इन हमलों की निंदा करते हुए इसे मध्यपूर्व के लिए खतरनाक धमकी बताते हुए कहा कि यह इलाके के लिए खतरनाक हरकत है।
फिलिस्तीन मुक्ति आंदोलन के अलग अलग गिरोहों ने भी इस हमले की निंदा करते हुए ईरान से एकजुटता दिखाई है। वहीं लैटिन अमेरिकी देशों ने भी ट्रम्प की इस हरकत पर रोष प्रकट करते हुए ईरान से हमदर्दी दिखाई है।
अमेरिकी के हमलों पर ईरान ने जवाबी कार्रवाई के संकेत देते हुए कहा है कि हमारे देश पर हमला हुआ है और हम इसका जवाब देंगे।
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