رسول اکرم (ص)
مَن جُرِحَ في سَبيلِ اللّهِ جاءَ يَومَ القِيامَةِ ريحُهُ كَرِيحِ المِسكِ . . . عَلَيهِ طابَعُ الشُّهَداءِ ؛
ميزان الحكمه ، ح ..٩٨١٤
रसूले अकरम स.अ.
जो भी अल्लाह की राह में घायल होता है वह रोज़े कयामत आएगा तो उस से मुश्क की बू आ रही होगी और शहीदों की निशानी रखता होगा।
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