मक़बूज़ा फिलिस्तीन के अवैध ज़ायोनी शासन के हमलों के बाद ईरान की जवाबी कार्रवाई से इस्राईल की हालत खराब है और वह अपनी रक्षा और तथाकथित साख बचाने के लिए अमेरिका को किसी भी तरह इस युद्ध में घसीटने के लिए मना रहा है।
ईरान के जवाबी हमलों से इस्राईल को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। ईरान के हमले में इस्राईल का मुख्य सैन्य अड्डा और मोसाद का मुख्यालय भी तबाह हो गया। वहीं, अपने हालिया हमलों में ईरान ने फ़त्ताह मिसाइल से हमला किया था, जिससे इस्राईल को काफी नुकसान हुआ , ज़ायोनी अमेरिकी एयर डिफेंस सिस्टम भी इस मिसाइल का पता नहीं लगा पाए। इससे ज़ायोनी पीएम बेंजामिन नेतन्याहू अब इस दलदल से किसी भी तरह बचने के लिए हाथ पैर मार रहा है।
नेतन्याहू बार-बार अमेरिका से अनुरोध कर रहा है कि वह इस युद्ध में शामिल हो जाए वहीँ ईरान ने साफ़ कर दिया है कि जो इस युद्ध में हस्तक्षेप करेगा वह ईरान के जवाबी हमलों का निशाना बनेगा।
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