ईरान की इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर हज़रत आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने ईरान और अमेरिका के बीच जारी अप्रत्यक्ष वार्ता पर टिप्पणी करते हुए कहा कि शायद ही यह वार्ता किसी नतीजे पर पहुंचे।
आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने यह बात ईरान के दिवंगत राष्ट्रपति शहीद आयतुल्लाह सय्यद इब्राहीम रईसी और "सेवा के शहीदों" की याद में आयोजित एक समारोह में कही।
शहीद रईसी का ज़िक्र करते हुए आयतुल्लाह खमेनेई ने कहा कि सय्यद इब्राहीम रईसी सच्चे, नेकदिल और साफ़ बात करने वाले थे उनसे अमेरिका से वार्ता को लेकर सवाल हुआ तो उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा "नहीं"।
रईसी से सवाल हुआ "क्या आप अमेरिका के साथ बातचीत कर रहे हैं?" उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा, "नहीं।" उन्होंने बिना किसी लाग लपेट के कहा, "नहीं"। उन्होंने दुश्मन को ऐसा कहने का मौका भी नहीं दिया; कि हम ईरान को धमकी, प्रलोभन या छल-कपट के माध्यम से ही सही वार्ता की मेज पर लाने में सफल रहे।"
सामने वाला पक्ष सीधी बातचीत पर जोर इसलिए दे रहा हैं, इसका एक बड़ा कारण यह है; उन्होंने इसकी अनुमति नहीं दी, बेशक, उनके समय भी अप्रत्यक्ष वार्ता थी, जैसा कि अब भी हो रही है, बिना किसी परिणाम के, और अब भी हमें नहीं लगता कि यह किसी निष्कर्ष पर पहुंचेगा, हम नहीं जानते कि क्या होगा।
आपकी टिप्पणी