11 अप्रैल 2025 - 17:38
अल्लाह से मांगने का तरीका

उसके बाद अपनी हाजत तलब करे तो उसने अपनी खैरो भलाई को उस जगह से तलब किया है जहाँ से उसका गुमान था और जो शख्स अपनी खैरो भलाई को ऐसी जगह से तलब करे वो न उम्मीद और मायूस नहीं होगा

قال الامام الصادق علیہ السلام:

مَنْ تَوَضَّأَ فَأَحْسَنَ اَلْوُضُوءَ وَ صَلَّی رَکْعَتَیْنِ فَأَتَمَّ رُکُوعَهُمَا وَ سُجُودَهُمَا ثُمَّ جَلَسَ فَأَثْنَی عَلَی اَللَّهِ عَزَّ وَ جَلَّ وَ صَلَّی عَلَی رَسُولِ اَللَّهِ صَلَّی اَللَّهُ عَلَیْهِ وَ آلِهِ ثُمَّ سَأَلَ اَللَّهَ حَاجَتَهُ فَقَدْ طَلَبَ اَلْخَیْرَ فِی مَظَانِّهِ وَ مَنْ طَلَبَ اَلْخَیْرَ فِی مَظَانِّهِ لَمْ یَخِبْ.

الکافی، جلد ۳،  صفحه ۴۷۸

   .इमाम सादिक़ अ.स

जो शख्स वुज़ू करे और वुज़ू अच्छी तरह करे फिर दो रकअत नमाज़ पढे उसके रुकुअ और सजदे अच्छी तरह बजा लाए  फिर बैठ कर अल्लाह की हमदो सना करे,  रसूले खुदा स.अ .पर दुरूद पढ़े उसके बाद अपनी हाजत तलब करे तो उसने अपनी खैरो भलाई को उस जगह से तलब किया है जहाँ से उसका गुमान था और जो शख्स अपनी खैरो भलाई को ऐसी जगह से तलब करे वो न उम्मीद और मायूस नहीं होगा। 

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