16 मार्च 2025 - 23:10
नेमतों की क़द्र करें

और जब वह छिन जाती हैं तो उनकी क़द्र मालूम होती है ।

قال الامام المجتبی علیه السلام:

تُجهَلُ النِّعَمُ ما أقامَت، فإذا وَلَّت عُرِفَ

بحارالأنوار: ۷۸ / ۱۱۵/۱۲

.इमाम हसन अ.स 

नेमतें जब तक हों उस व्यक्त तक मालूम नहीं होती ( उनकी क़द्र नहीं होती ) और जब वह छिन जाती हैं तो उनकी क़द्र मालूम होती है । 

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