20 मार्च 2023 - 18:15
यमन में युद्ध के आठ साल हुए पूरे, युद्ध के ऊपर एक ख़ास रिपोर्ट।

यमन युद्ध के आठ साल पूरे हो गए हैं। इस युद्ध में यमनी नागरिकों के खिलाफ हमलावर सऊदी-अमेरिकी गठबंधन के मानवता के खिलाफ अपराध दिन प्रतिदिन बढ़ते रहे हैं लेकिन युद्ध की दशा और दिशा तथा इलाक़े में ताक़त के तवाज़ुन के सारे समीकरण में नाटकीय रूप से बदलाव आ रहा है।

यमन युद्ध के आठ साल पूरे हो गए हैं। इस युद्ध में यमनी नागरिकों के खिलाफ हमलावर सऊदी-अमेरिकी गठबंधन के मानवता के खिलाफ अपराध दिन प्रतिदिन बढ़ते रहे हैं लेकिन युद्ध की दशा और दिशा तथा इलाक़े में ताक़त के तवाज़ुन के सारे समीकरण में नाटकीय रूप से बदलाव आ रहा है।

यमन ने अपने जवाबी हमलों से सऊदी अरब के हौसले पस्त कर दिए हैं, आले सऊद इस युद्ध की दलदल से सम्मान सहित निकलने के लिए हाथ पैर मार रहे हैं और चाहकर भी खुद को इस दलदल से नहीं निकाल पा रहे। वहीं यमन की बढ़ती सैन्य शक्ति एवं प्रतिरोधी क्षमता पर बात करते हुए यमन जनांदोलन के नेता अब्दुल मलिक हौसी ने कहा है कि यमन आने वाले समय में इलाके के हथियार बेचने वाले अहम् और मुख्य देशों में होगा।

युद्ध के समीकरणों का मूल्यांकन करने और हाल ही के समय में आए समीकरणों के बदलाव को देखते आगे क्या हो सकता है इसकी भविष्यवाणी करने से पहले, बेबस, असहाय और साम्राज्यवादी धड़े के मुकाबिल डटे यमनी नागरिकों के खिलाफ इस युद्ध में सऊदी गठबंधन के अपराधों पर एक नज़र डालना बेहतर होगा।

यमन जनांदोलन अंसारुल्लाह के बैरक से 100 मीटर की दूरी पर स्थित एक डेयरी कारखाने पर हमला और नागरिक उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल होने वाले कम से कम 355 अन्य कारखानों पर आले सऊद ने बर्बर हमले।

7819 कारोबारी स्थानों पर बर्बर हमले.

774 खाद्य गोदामों पर हमला.

4134 कृषि भूमि पर सऊदी गठबंधन ने हमले करते हुए उन्हें जलाकर राख कर डाला.

मआरिब प्रांत के सरवाह अल-रफ़ी अस्पताल में बमबारी.

130 से अधिक क्लबों और खेल सुविधाओं पर बमबारी.

गेहूं के साइलो पर हमला.

सनआ पावर प्लांट सहित अन्य ग़ैर फौजी बुनियादी ढांचे पर हमले कर उन्हें नष्ट करना.

सनआ अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर हमला और विदेशी सहायता को यमन आने से रोकने के लिए यात्री विमानों तक पर हमले.

यमन की गैस और तेल लाइनों और बंदरगाहों को निशाना बनाना.

176 यूनिवर्सिटी फैसिलिटीज़ और 914 स्कूलों और एजुकेशन सेंटर पर हमला.

यमन के ऐतिहासिक शहर सअदा के बुनियादी ढांचे को पूरी तरह बर्बाद करना.

344 स्वास्थ्य और चिकित्सा केंद्रों को नष्ट करना.

यह कुछ आंकड़े थे जिन से अंदाज़ा हो जाता है कि आले सऊद ने यमन की जनता के हक़ में कितने ज़ुल्म किये और किस तरह जान सुविधा केंद्रों को हमलों को निशाना बनाया.

यमन पर हमले करते हुए आले सऊद ने 671 केंद्रीय बाजारों को पूरी तरह से नष्ट कर दिया है जबकि 10,998 किराना स्टोर और 3,500 से अधिक खेतों को जला कर नष्ट कर दिया।

यमन की 1,868 से अधिक जल सुविधाओं और 1,388 पंपों और जल नेटवर्कों पर सऊदी हमलों के कारण 14 मिलियन से अधिक यमनियों तक पीने का पानी भी नहीं पहुँच पा रहा।

आले सऊद ने यमन को हर तरह बर्बाद करने के उद्देश्य से इस देश की फिशरीज़ इंडस्ट्रीज़ को भी हमलों का निशाना बनाया । अतिक्रमणकारी गठबंधन ने 100 से अधिक मछली प्रजनन केंद्रों को नष्ट कर दिया और 40,000 से अधिक यमनी मछुआरे रोज़गार से महरूम हो गए, साथ ही, यमन के तट पर दुश्मन के हमलों के कारण यहाँ काम कर रहे 500 से अधिक मछुआरे मारे गए ।

यमन पर सऊदी अरब नीत अतिक्रमणकारी गठबंधन के लगातार हमलों को 25 मार्च को आठ वर्ष पूरे हो गए।

सऊदी अरब ने जिस मक़सद के साथ यमन के खिलाफ जंग शुरू की थी उसे कुछ भी हाथ नहीं लगा, बल्कि हालात यह हो गए हैं कि अब रियाज़ यमन के जवाबी हमलों से अपनी हिफाज़त करने में भी नाकाम नज़र आ रहा है।

यमनी बलों ने सऊदी अरब में दूर दराज़ इलाकों मे अपने टार्गेट को कामयाबी से निशाना बना कर यमन के खिलाफ जंग जारी रखने की गलती का आले सऊद को अच्छी तरह अहसास करा दिया है। यमन जनांदोलन अंसारुल्लाह ने जिसे साम्राज्यवादी और सऊदी मीडिया हौथी विद्रोही के नाम से याद करता है, यमन सेना के साथ मिलकर सऊदी अरब के बीचों बीच कई ठिकानों पर ड्रोन हमले करते हुए आले सऊद को ज़ोर का झटका दिया है। यमनी बलों ने जेद्दाह में स्थित अरामको के प्लांट को बुरी तरह तहस नहस कर दिया।

सऊदी अरब पर ज़ोरदार जवाबी हमले कर इलाक़े में बदलते शक्ति समीकरण का नमूना दिखाते हुए अंसारुल्लाह ने ऐलान किया है कि अगर सऊदी अरब नीत अतिक्रमणकारी गठबंधन हमारी पेशकश स्वीकार करते हुए यमन पर हमले बंद कर , यमन की बंदरगाहों की नाकाबंदी समाप्त कर दे और सनआ एयरपोर्ट पर हमले रोक देता है तो यह संघर्ष विराम स्थायी हो जाएगा।

सऊदी अरब को यमन जंग में उम्मीद के मुताबिक़ सफलता तो नहीं मिली लेकिन यमन के खिलाफ जघन्य युद्ध अपराधों के साथ साथ वह इस ग़रीब देश को पूरी तरह बर्बाद करने में किसी भी हद तक जाता हुआ नज़र आ रहा है।

सऊदी गठबंधन ने यमन के बुनियादी ढांचे को वहशियाना बमबारी करते हुए पूरी तरह तहस नहस कर डाला।

 आले सऊद के युद्ध अपराधों और यमन के मूल आधारभूत ढांचे पर सऊदी अरब के हमलों का एक मुख्तसर सी झलक ।

सऊदी अरब गठबंधन ने यमन में अभी तक 483 से अधिक स्वास्थ्य केंद्रों और 92 एम्बुलेंसों पर हमला करके मानवता के विरुद्ध गंभीर अपराध किये हैं। सऊदी अरब ने  यमन के कम से कम 417 ऐतिहासिक और तारीखी इमारतों और स्थानों को नष्ट किया है, और 1,324 से अधिक बार अंतर्राष्ट्रीय मानदंडों और मापदंडों का उल्लंघन किया ।

यमन के ऐनुल इंसनियाह मानवाधिकार केंद्र ने हाल ही में बताया है कि सऊदी गठबंधन के हमलों में इस देश के 15 हवाई अड्डे, 16 बंदरगाह, 4,764 सड़कों और पुलों, 307 पावर प्लांट्स और जनरेटर, 551 नेटवर्क और कम्युनिकेशन सेंटर्स और 2,228 ड्रिंकिंग वाटर सोर्सेज को निशाना बनाया गया है।

सऊदी अरब ने यमन के खिलाफ हमलों में पिछले 8 वर्षों के दौरान 6 लाख से अधिक घरों और 200 विश्वविद्यालय केंद्रों, 1413 मस्जिदों, 367 टूरिस्ट सेंटर्स और 390 अस्पतालों और मेडिकल सेंटर्स को पूरी तरह बर्बाद कर दिया।

यही नहीं सऊदी अरब अपने ही युद्ध बंदियों और यमन की क़ैद में बंद लोगों के खिलाफ भी सारी सीमाएं लांघते हुए उन्हें हवाई हमलों का निशाना बनाता रहा है। सऊदी गठबंधन ने यमन के सअदा सेंट्रल कारागार पर हमला कर दर्जनों लोगों की मौत के घाट उतार दिया, इस हमले में कम से कम 200 लोग घायल भी हुए थे।

यमन पर अतिक्रमणकारी सऊदी गठबंधन के हमलों के दौरान कम से कम 2091 सरकारी संस्थाएं, 6743 सड़कें और पुल, 609 संचार नेटवर्क और स्टेशन, तथा 2799 जल स्रोत और वाटर लाइनों को नुकसान पहुँचा है।

एक दूसरी एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक़ सऊदी अरब ने पिछले 8 वर्षों में यमन में स्थित 604035 पब्लिक सर्विस सेंटर्स को हमलों का निशाना बनाया है, जबकि सऊदी हमलों के कारण 590069 घर या तो पूरी तरह बर्बाद हो या बुरी तरह जर्जर हो चुके हैं.

वहीँ 182 विश्वविद्यालय कैम्पस, 1612 मस्जिद, 375 पर्यटन सुविधाएं, 410 अस्पताल और मेडिकल सेंटर्स, 1214 स्कूल और कॉलेज, 139 स्टेडियम और खेल सुविधाएं, और 9721 फार्म सऊदी अरब के हमलों में पूरी तरह बर्बाद हो चुके हैं।

नेशनल साल्यूशन गवर्नमेंट से संबंधित “ऐन” सेंटर फॉर ह्यूमन राइट्स यमन, ने पिछले दिनों इस युद्ध के पीड़ितों की संख्या पर अपने नवीनतम आंकड़े जारी किए, जिसके मुताबकि

सऊदी अरब की ओर से यमन पर थोपी गयी जंग में अब तक भारी संख्या में लोग मारे गए हैं। सीधे तौर पर सऊदी गठबंधन के हमलों के कारण अब तक 46262 लोग घायल हुए या मारे गए हैं। इनमें से 17,734 लोग जंग में मारे गए, जिनमें 4,017 बच्चे, 2,434 महिलाएं और 11,283 पुरुष शामिल हैं। घायल 28528 लोगों में, 4586 बच्चे, 2911 महिलाएं और 21032 पुरुष हैं।

यमन युद्ध को आठ साल हो रहे हैं और सऊदी अरब इस युद्ध की दलदल से निकलने के लिए हाथ पैर मार रहा है लेकिन उसे इस युद्ध से सम्मानजनक रूप से निकलने का कोई उपाय नहीं सूझ रहा है। हाँ यमनी प्रतिरोध ने इस अवधि में दुनिया भर के लिए दो अहम् संदेश दिए हैं।

वह ज़माना गुज़र गया जब सऊदी अरब इस देश में जहाँ चाहता था हमला करता था और जवाबी कार्रवाई से भी महफूज़ रहता था। पिछले कुछ वर्षों का गहराई से जाएज़ा  लें तो पता लगेगा कि यमन युद्ध में शक्ति संतुलन में जहाँ बड़ा बदलाव आया है वहीँ युद्ध के सारे समीकरण भी बदले हुए नज़र आ रहे हैं।

इन सबसे अलग, जो बात इतिहास हमेशा याद रखेगा वह इस युद्ध में सऊदी अरब नीत गठबंधन के युद्ध अपराध और मानवता के विरुद्ध घृणित कृत्य हैं। हम पहले भी मानवता के विरुद्ध सऊदी अरब के कुछ अपराधों के आंकड़ें बता चुके हैं जिन पर अगर विस्तार से बात की जाए तो कई घंटे कम पड़ जाएं.

यमन युद्ध से ऐसा प्रतीत होता है जैसे सऊदी अरब सुनियोजित रूप से जनसंहार में लगा हुआ है। यमन का मूल आधारभूत ढांचा और जनसेवा केंद्र ,अस्पताल, स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय, वाटर प्लांट , मस्जिद, आम रिहायशी इमारतें, बाजार, शोक सभा या शादी समारोह तक जहाँ आले सऊद के हमलों के निशाने पर रहे हैं वहीँ इस युद्ध में भारी संख्या में महिलाऐं और बच्चे भी सऊदी गठबंधन के निशाने पर रहे हैं।

यमन में सऊदी अरब के बर्बर युद्ध अपराधों का मुख्य निशाना बच्चे बन रहे हैं। यमनी बच्चे सऊदी अपराधों के मुख्य शिकार हो रहे हैं। यमन के बच्चे सऊदी अपराधों का मुख्य शिकार हैं, सऊदी अरब के सीधे हमलों से बच जाने वाले अधिकांश बच्चे अतिक्रमणकारी गठबंधन की ओर से की गई यमन की क्रूर घेराबंदी के कारण कुपोषण के नतीजे में मर जाते हैं। संयुक्त राष्ट्र की एक तफ्सीली रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 377,000 बच्चे, यमन के खिलाफ अमेरिका-सऊदी हमलों में मारे गए हैं, जिनमें से लगभग 70% पांच साल से कम उम्र के थे।

संयुक्त राष्ट्र के विकास कार्यक्रम के अनुसार, मारे गए बच्चों में से लगभग 60% की मौत अप्रत्यक्ष कारणों से हुई। लगभग 226,000 बच्चों की मौत सऊदी गठबंधन की ओर से यमन की नाकाबंदी के कारण इलाज के अभाव और भोजन, पानी न मिलने तथा स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच न होने के कारण हुई है। संयुक्त राष्ट्र ने अनुमान लगाते हुए कहा है कि अगर 2030 तक यमन युद्ध जारी रहा, और हालत ऐसे ही रहे तो यमन में मौत का यह आंकड़ा और अधिक भयावह होगा और मरने वालों की संख्या कम से कम 1.3 मिलियन होगी।

यमन की गंभीर स्थिति पर चिंता जताते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने हाल ही में कहा था कि यमन का मानवीय संकट दुनिया में अपनी तरह का सबसे दुखद एवं पीड़ादायक संकट है। यमन में बीमारियाँ फ़ैल रही हैं जिसने कई लोगों की जान ले ली है। 700,000 से अधिक लोग महामारी की चपेट में हैं जिसमें 25 प्रतिशत पांच साल से कम उम्र के बच्चे शामिल हैं।

खुद को इस्लामी जगत का ठेकेदार कहलाने वाले सऊदी अरब के हमलों के कारण यमन में विकलांग बच्चों की संख्या 5559 तक पहुंच गई है, जबकि सऊदी हमलों के बाद 71 हजार मामलों में बच्चों में कैंसर के ट्यूमर की शिकायत दर्ज की गई है। यह आंकड़ा 9 हजार प्रतिवर्ष हैं।

आले सऊद के हमलों और यमन की नाकाबंदी के कारण इस देश के 3 मिलियन बच्चे कुपोषण से पीड़ित हैं, जबकि 300 से अधिक बच्चे प्रतिदिन मर रहे हैं। हालत इतने भयावह हैं कि 3,000 से अधिक बच्चों को तत्काल ओपन हार्ट सर्जरी के लिए यमन से बाहर जाने की आवश्यकता हैं लेकिन आले सऊद की ओर से यमन की ज़मीनी, हवाई और समुद्री नाकाबंदी के कारण वह देश से बाहर नहीं जा सकते।

यमन पर सऊदी गठबंधन के हमलों के कारण 2 मिलियन से अधिक यमनी बच्चे स्कूली शिक्षा से वंचित हुए हैं जबकि 5 लाख से अधिक बच्चे इन हमलों के बाद से स्कूल छोड़ने पर मजबूर हुए हैं।

महिला और बाल अधिकारों के लिए काम करने वाले संगठन इंतेसाफ़ की रिपोर्ट के अनुसार 8 नवंबर, 2021 तक ही, यमन में लगभग 600,000 बच्चों ने समय से पहले जन्म लिया है लेकिन अस्पतालों पर सऊदी हमलों और यमन की नाकाबंदी के कारण उन्हें ज़िंदा रखने के लिए ज़रूरी उपकरण इस देश में मौजूद नहीं हैं।

इंतेसाफ़ के अनुसार 400,000 से अधिक यमनी बच्चे गंभीर कुपोषण से पीड़ित हैं, जिनमे से 80,000 कभी भी काल के गाल में समा सकते हैं। यमन युद्ध में बच्चे किस प्रकार सऊदी अतिक्रमणकारी गठबंधन का शिकार बन रहे हैं यह जानने के लिए इतना काफी है कि यमन में पैदा होने वाले प्रत्येक 1,000 बच्चों में से 27 बच्चे मौत का निवाला बन रहे हैं। यमन में पैदा होने वाले 3,000 से अधिक बच्चें दिल के मरीज़ है, और अतिक्रमणकारी सऊदी गठबंधन ने यमन में हृदय रोगियों के लिए चिकित्सा उपकरणों के आयात पर प्रतिबंध लगाया हुआ है, इस कारण भी बच्चों समेत हृदय रोग से पीड़ित हजारों यमनी लोग काल के गाल में समा रहे हैं।

यमन पर सऊदी अरब के बर्बर हमले और इस देश की आमनवीय नाकाबंदी के कारण यमन में गंभीर और लाइलाज बीमारियों का जाल फ़ैल रहा है, जिनमें कैंसर सबसे आम है। अमानवीय घेराबंदी और चिकित्सा उपकरणों के आयात पर पाबंदी के कारण, यमन के अंदर इन बीमारियों का इलाज मुमकिन नहीं है, जबकि अतिक्रमणकारी गठबंधन यमनियों को इलाज के लिए विदेश यात्रा करने के रास्ते भी बंद किये बैठा है।

यमन की घेराबंदी और चिकिस्ता उपकरणों तक पहुँच न होने के कारण होने वाली मौत के बारे में बात करते हुए यमन की राष्ट्रीय मुक्ति सरकार के स्वास्थ्य विभाग के निदेशक डॉ. मुतह्हर ने कहा कि अतिक्रमणकारी गठबंधन की ओर से की गई घेराबंदी और ज़रूरी और अहम दवाओं के आयात पर पाबंदी के कारण यमन में कैंसर रोगियों में मृत्यु दर बहुत अधिक है, यहां हर दिन मरीज़ों की मौत हो रही है।

 डॉ मुतह्हर के अनुसार यमन में कुल कैंसर रोगियों की संख्या 80,000 है, सात साल पहले तक यह संख्या 50 हज़ार होती थी। 30,000 लोग सात साल पहले देश के खिलाफ सऊदी आक्रमण की शुरुआत के बाद कैंसर से पीड़ित हुए हैं।

यमन में आम लोगों की ज़िंदगी अज़ाब बनी हुई है।  यमन में जगह जगह सऊदी अरब की ओर से बिछाई गयी बारूदी सुरंगे और ज़िंदा बमों को तलाशना भी एक बड़ी चुनौती बना हुआ है।  इन सबके बीच अरब जगत के इस सबसे मज़लूम और ग़रीब मुसलमान देश के खिलाफ सऊदी अरब के हमले कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं।

यमन पर सऊदी अरब के हमलों के कारण मरने वाले लोगों की तादाद में इस देश में जगह जगह फैली बारूदी सुरंगे और ज़िंदा बम भी बेशुमार इज़ाफ़ा कर रहे हैं। सऊदी अरब के बर्बर हमलों और बारूदी सुरंगों और बमों के कारण अपाहिज और मोहताज हुए लोगों की तादाद में भी बेतहाशा तेज़ी आई है। यमन के 15% लोग अपाहिज हो चुके हैं।

यमन सरकार का कहना है कि इस का अहम कारण सऊदी अरब की ओर से यमन की आम जनता के खिलाफ प्रतिबंधित क्लस्टर्स बमों का इस्तेमाल है वहीं ज़िंदा रह जाने वाले इन बमों को तलाश कर डिफ्यूज करने के लिए संयुक्त राष्ट्र भी ज़रूरी उपकरण नहीं दे रहा है, जबकि यमन को कहीं ओर से भी यह ज़रूरी साज़ो सामान नहीं मिल सकता क्योंकि सऊदी गठबंधन की नाकाबंदी के कारण यहाँ कुछ पहुंचना भी मुमकिन नहीं है।

वहीँ बात करें यमन को इस जंग से मिलने वाले ज़ख्मों को भरने की, तो अगर हालात आज से ही सही होने लगें तब भी यमन के ज़ख्म भरने में कम से कम 20 साल लग जाएंगे।

यमन की नेशनल सोल्यूशन गवर्नमेंट के वाईस हेल्थ मिनिस्टर ने इस बारे में बात करते हुए कहा कि यमन को मिले ज़ख्मों को भरने में कम से कम 20 साल लग जाएंगे। वाईस हेल्थ मिनिस्टर अली जेहाफ़ ने कहा कि यमन तेज़ी से तबाही की तरफ बढ़ रहा है। देश में दवाओं की भारी किल्लत है।  गुर्दों की गंभीर बीमारी का शिकार 5 हज़ार से भी ज़्यादा लोगों के लिए दवा नहीं है जबकि डायलेसिस के लिए भी ज़रूरी संसाधन हमारे पास बेहद कम हैं और हालात बेहद गंभीर हैं।

यमन हेल्थ ऑर्गनाइज़ेशन के प्रमुख मुतह्हर दरवेश ने कहा कि लंबे समय से जारी जंग और नाकाबंदी के कारण देश में शुगर और कैंसर के मरीज़ों की तादाद में हैरत अंगेज़ तेज़ी आई है। और इस वृद्धि दर ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। लेकिन आले सऊद ने भी ज़ुल्म और शैतनत की सारी हदें पार कर, नाकाबंदी और सख्त करते हुए दवाओं और डाक्टरों के यमन पहुँचने के सारे रास्ते बंद कर दिए हैं।

सऊदी अरब ने यमन के खिलाफ हमलों में देश के बुनियादी ढांचे और खासकर हेल्थ फैसिलिटीज़ को जमकर निशाना बनाया है। यमन हेल्थ ऑर्गनाइज़ेशन की लेटेस्ट रिपोर्ट के मुताबिक़ सऊदी अरब की हैवानियत के कारण यमन के 5 साल से कम उम्र के 6,50000 हज़ार से ज़्यादा बच्चे और 15 लाख से ज़्यादा गर्भवती महिलाओं पर कुपोषण के कारण मौत का खतरा मंड़रा रहा हैं।

चलते चलते एक बात और,

यमन युद्ध का अपराधी सिर्फ सऊदी अरब ही नहीं बल्कि दुनिया के कई बड़े बड़े देश इस ग़रीब लेकिन खुद्दार और ग़ैरतमंद मुस्लिम देश के मुजरिम हैं..

सदी के सबसे बड़े मानवीय संकट का सामना कर रहे यमन के खिलाफ सऊदी गठबंधन को

कुवैत, मिस्र, जॉर्डन और मोरक्को हवाई सहायता देते रहे हैं,

सेनेगल, माली, केन्या और कोलंबिया भी सऊदी गठबंधन को ज़मीनी स्तर पर सीमित सैन्य सहयोग करते रहे जबकि सूडान भरपूर सैन्य सहायता कर रहा है.

फ़्रांस, जर्मनी और ब्रिटेन हथियारों की बिक्री के साथ ही, ब्रिटेन जहाँ सऊदी गठबंधन के साथ सैन्य और खुफिया जानकारियां साझा करता है, वहीँ फ्रांस नौसैनिक और रसद के स्तर पर इस गठबंधन के साथ है.

इटली के साथ साथ कनाडा भी सऊदी अरब से रिश्तों में तनाव से पहले तक सऊदी अरब को जमकर हथियार उपलब्ध कराता रहा है.

साफ़ और कम शब्दों में कहा जाए तो यमन के खिलाफ इस जंग में सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात कुवैत, मिस्र, जॉर्डन और मोरक्को, सेनेगल , माली जैसे मुस्लिम देशों के साथ साथ केन्या, कोलंबिया, अमेरिका, ब्रिटेन,जर्मनी, इटली, कनाडा और इस्राईल सीधे सीधे रूप से शामिल रहे हैं।