शहीद होने वालों में 16 हज़ार 589 बच्चे हैं जिनमें से 115 अपनी मां का दूध पीते थे और जंग के ज़माने में वे पैदा हुए और उसी ज़माने में शहीद हो गये।
ईरान की इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने तेहरान में चल रहे 35वें तेहरान अंतर्राष्ट्रीय पुस्तक मेले का दौरा किया।