ईरान की इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर हज़रत आयतुल्लाह खामेनेई के सलाहकार और पूर्व कार्यकारी राष्ट्रपति मोहम्मद मुखबिर ने ज़ायोनी हमलों में शहीद हुए ईरानी कमांडरों और वैज्ञानिकों के अंतिम संस्कार में बोलते हुए कहा कि दुश्मन को लगता है कि वह ईरान के प्रतिष्ठित लोगों को निशाना बनाकर देश की तरक्की और विकास को रोक सकता है, हालाँकि सच्चाई यह है कि शहीदों का पाकीज़ा खून राष्ट्र को आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करता है और प्रगति के मार्ग को आसान बनाता है।
उन्होंने कहा कि ईरान की अपने दुश्मनों के आक्रमण के प्रति प्रतिक्रिया भावनात्मक नहीं है, बल्कि तर्क और होशियारी तथा बुद्धिमानी पर आधारित है। हमारी ताकत का स्रोत ज्ञान और बुद्धिमता है, और ईरानी राष्ट्र भूलने वालों में से नहीं है। यदि दुश्मन कोई गलती दोहराता है, तो उसे ऐसी कीमत चुकानी होगी जो बहुत परेशान करने वाली होगी।
ईरान के प्रतिरोध के इतिहास का जिक्र करते हुए मुखबिर ने कहा कि जब भी दुश्मन ने आतंकवाद या दबाव का इस्तेमाल किया, ईरानी लोग और अधिक एकजुट और दृढ़ हो गए और प्रगति के मार्ग पर चल पड़े।
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