रशिया टुडे के अनुसार, ईरान के जवाबी हमलों ने ज़ायोनी शासन की हालत खराब कर दी है। ज़बरदस्त मीडिया सेंसरशिप के बावजूद हिब्रू सूत्रों ने बेत टेकफा शहर में एक "गंभीर घटना" और अन्य क्षेत्रों में गंभीर क्षति की सूचना दी है।
इन स्रोतों के अनुसार, प्रतिदिन 10 मिलियन टन कच्चे तेल को रिफाइन करने वाली हैफ़ा रिफ़ाइनरी को निशाना बनाया गया है।
इसके अलावा, हैफा में बाज़ान रासायनिक परिसर, को भी सफल मिसाइल हमलों का निशाना बनाया गया है इसे ज़ायोनी शासन में सबसे बड़ी पेट्रोकेमिकल सुविधा माना जाता है और जो प्रतिदिन लगभग 200,000 बैरल तेल का उत्पादन करता है।
दूसरी ओर ईरानी नागरिकों की हत्या करने और आवासीय क्षेत्रों पर हमला करने के अलावा, ज़ायोनी शासन ने देश के आर्थिक बुनियादी ढांचे को निशाना बना कर हमले किये जिसे ईरानी डिफेन्स ने नाकाम बना दिया।
ज़ायोनी शासन ने अपने आतंकी अभियान के तहत असलुयेह में ईरानी तेल सुविधाओं को निशाना बनाकर हमले किये जो क्षेत्र को व्यापक युद्ध के जोखिम में डाल सकता है।
दूसरी ओर, ज़ायोनी शासन के खिलाफ ईरान के जवाबी हमलों के सिलसिले में, नकब में ज़ायोनी वायु सेना के सबसे महत्वपूर्ण और व्यापक ठिकानों में से एक निफ़ातिम एयर बेस को निशाना बनाने की जानकारी आ रही है। रिपोर्टों के अनुसार, सोमवार तड़के हुए हमले के दौरान ईरान ने मक़बूज़ा फिलिस्तीन के विभिन्न इलाकों पर दर्जनों मिसाइलें दागीं।
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