19 मई 2025 - 17:32
सीरिया में मोसाद का अहम मिशन, दमिश्क़ से 2500 दस्तावेज़ तल अवीव पहुंचे 

ज़ायोनी जासूस एली कोहेन 1962 में पहली बार एक फर्जी पहचान और एक व्यापारी के वेश में दमिश्क पहुंचा था। जिसका उद्देश्य राजनीतिक और सैन्य हलकों में प्रभाव हासिल करना था। उसे 1965 में दमिश्क के अल मरजा चौक में सार्वजनिक रूप से फांसी दे दी गई थी।

सीरिया में अमेरिका, सऊदी, ज़ायोनी लॉबी और तुर्की के समर्थन से HTS के सत्ता में आते ही  मिडिल ईस्ट में इस्राईल को खुली मनमर्ज़ी करने की छूट सी मिल गयी है।

सीरिया में ज़ायोनी सेना के साथ साथ इस देश की ख़ुफ़िया एजेंसी भी बेहद सक्रिय है। इस्राईल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू के कार्यालय ने सीरिया में ज़ायोनी खुफिया एजेंसी के गुप्त अभियान की पुष्टि करते हुए कहा कि यह अभियान एक रणनीतिक साझेदार देश की खुफिया एजेंसी के सहयोग से चलाया गया। 

हिब्रू सूत्रों के अनुसार, तल अवीव को दमिश्क़ से 2500 से अधिक तस्वीरें और दस्तावेज़ पहुंचाए गए हैं। यह दस्तावेज़ कई दशकों तक सुरक्षा संस्थाओं द्वारा रखे गये थे। इसमें एली कोहेन की वसीयत भी शामिल है, जो उन्होंने अपनी मृत्यु से कुछ घंटे पहले लिखी थी।

बता दें कि ज़ायोनी जासूस एली कोहेन 1962 में पहली बार एक फर्जी पहचान और एक व्यापारी के वेश में दमिश्क पहुंचा था। जिसका उद्देश्य राजनीतिक और सैन्य हलकों में प्रभाव हासिल करना था। उसे 1965 में दमिश्क के अल मरजा चौक में सार्वजनिक रूप से फांसी दे दी गई थी।

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