ग़ज़्ज़ा में ज़ायोनी सेना के लगातार हो रहे हमलों, नाकाबंदी और दवाइयों की कमी के कारण अब गज़्ज़ा अकाल के कागार पर आ गया है। गज़्ज़ा में हालात लगातार बद से बदतर हो रहे हैं अब गज़्ज़ा में अकाल की स्थिति हो गई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चेताया है कि 2.1 मिलियन की आबादी भूख से जूझ रही है, जो कि दुनिया का सबसे खराब भूख संकट बन गया है।वहीं पांच लाख की आबादी का हाल बेहद ही खराब है, वह लोग भूखमरी, कुपोषण, बीमारी और मृत्यु जैसे खराब हालात में हैं।
डब्ल्यूएचओ ने एक बयान में कहा है कि "जारी नाकेबंदी में जरूरी खाघय पदार्थ को जानबुझकर रोकने के वजह से गज़्ज़ा में अकाल के हालात पैदा हो गए है। 2.1 मिलियन की आबादी खाघान्न की कमी का सामना कर रही है, और पांच लाख लोग बेहद खराब स्थिति का समाना कर रहे हैं। यह दुनिया का सबसे खराब भूख संकट है, जो धीरे-धीरे सामने आ रहा है।"
अगर ऐसे ही हालात बने रहे तो अगले ग्यारह महीने में पांच साल से कम उम्र के लगभग 71,000 बच्चें कुपोषण के शिकार हो जाएगें। गज़्ज़ा में साफ पीने के पानी का भी अभाव है। WHO ने कहा है कि कुपोषित महिलाएं पैष्टिक दूध बनाने के लिए संघर्ष करती है, जिससे बच्चें भी खतरे में पड़ जाते हैं। छह महीने से कम उम्र के बच्चों के लिए मां का दूध बेहद पोष्टिक होते है. ऐसे हालात में खासकर जब पीने के लिए साफ पानी भी मौजूद न हो।
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