ईरान जल्द ही चीन और रूस के साथ संयुक्त नौसैनिक अभ्यास करेगा। इसमें चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) नौसेना एक विध्वंसक और एक री-सप्लाई जहाज भेजेगी। एक चीनी विशेषज्ञ ने कहा कि यह अभ्यास रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण ऊर्जा शिपिंग क्षेत्र में सुरक्षा को सुरक्षित रखने में मदद करेगा। चीनी रक्षा मंत्रालय ने रविवार को अपने आधिकारिक वीबो अकाउंट पर घोषणा की थी कि मार्च की शुरुआत और मध्य में, चीन, ईरान और रूस की नौसेनाएं ईरान के चाबहार बंदरगाह के पास के क्षेत्रों में सिक्योरिटी बेल्ट-2025 संयुक्त अभ्यास करेंगी।
अब इस अभ्यास में हिस्सा लेने के लिए चीन और रूस के बेड़े ईरान के जलक्षेत्रमें प्रवेश कर चुके हैं।
इस संयुक्त अभ्यास को चाबहार बंदरगाह के निकट क्षेत्र में आयोजित और कार्यान्वित करने की योजना है जिसमें समुद्री लक्ष्यों पर हमला, जांच और गिरफ्तारी, क्षति नियंत्रण और संयुक्त खोज एवं बचाव जैसे विभिन्न विषयों पर मुख्य रूप से अभ्यास किया जाएगा। इस संयुक्त अभ्यास का उद्देश्य भाग लेने वाले देशों के सशस्त्र बलों के बीच आपसी सैन्य विश्वास और व्यावहारिक सहयोग को मजूबत करना है। चीन इस अभ्यास में भाग लेने के लिए 47वें एस्कॉर्ट बेड़े के विध्वंसक जहाज ‘बाओटोउ’ और व्यापक आपूर्ति जहाज ‘गाओयोहू’ को भेज रहा है।
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