:قال رسول اللہ صلی الله علیه وآله
. علَيكَ بقِراءةِ القرآنِ؛ فإنّ قِراءتَهُ كَفّارةٌ للذُّنوبِ، و سَترٌ في النارِ و أمانٌ مِن العذابِ
بحارالانوار، ج 92، ص 17، ح 18
रसूले इस्लाम स.अ.
तुम पर क़ुरान की तिलवात लाज़िम है क्योंकि क़ुरान की तिलावत गुनाहों का कफ़्फारा और जहन्नम की आग का पर्दा और अज़ाब से बचाने का कारण है।