قال الامام الرضا علیه السلام:
اَلْمُؤمِنُ اِذا غَضِبَ لَمْ يُخْرِجْهُ غَضَبُهُ عَنْ حَقٍّ، وَ اِذا رَضِىَ لَمْ يُدْخِلْهُ رِضاهُ فى باطِلٍ، وَ اِذا قَدَرَ لَمْ يَأْخُذْ اَكْثَرَ مِنْ حَقِّهِ.
بحارالانوار، ج 75، ص 355
इमाम रज़ा अ.स. :
मोमिन जब ग़ुस्सा होता है तो उसका ग़ुस्सा उसे हक़ से बाहर नहीं ले जाता, और जब खुश होता है तो उसकी खुशी उसे गलत की तरफ नहीं ले जाती और जब वह शक्तिशाली और किसी पद पर होता है तो अपने हक़ और अधिकार से अधिक नहीं लेता।