:قال رسول اللہ صلي الله عليه وآله
ألخَلقُ كُلُّهُم عِيالُ اللّه ِ و إنَّ أحَبَّهُم إلَيهِ أنفَعُهُم لِخَلقِهِ و أحسَنُهُم صَنيعا إلى عِيالِهِ
بحارالأنوار: ۹۶ / ۱۶۰ / ۳۸
रसूले इस्लाम स.अ.
सभी मख़लूक़ अल्लाह की है और उसके नज़दीक सबसे प्रिय वह है जो उसकी मख़्लूक़ के लिए सबसे अधिक फायदेमंद हो और अपने घर वालों के साथ सबसे अच्छा सुलूक करने वाला हो।