30 अप्रैल 2024 - 06:18
पाकिस्तान केवल कठपुतली, पावर सेंटर कहीं और : फ़ज़्लुर्रहमान

अगस्त 1947 में, भारत और पाकिस्तान को एक साथ आजादी मिली। आज, भारत एक वैश्विक महाशक्ति बनने का सपना देख रहा है, जबकि हम दिवालिया होने से बचने के लिए भीख मांग रहे हैं। इसके लिए कौन जिम्मेदार है?

पाकिस्तान के कट्टर नेता और इमरान खान को सत्ता से बेदखल करने में नवाज़ शरीफ और ज़रदारी गठबंधन के अहम् सहयोगी मौलाना फ़ज़्लुर्रहमन के बयान से पाकिस्तान में हलचल मची हुई है। आर्थिक और राजनैतिक संकट से गुज़र रहे पाकिस्तान के हालात दिन ब दिन बिगड़ते जा रहे हैं। बुरे दौर से गुजर रहे पाकिस्तान में महंगाई के साथ-साथ कर्ज भी बढ़ता जा रहा है।

इंडिया और पाकिस्तान की तुलना करते हुए विपक्ष में बैठे फ़ज़्लुर्रहमान ने कहा कि पड़ोसी मुल्क ग्लोबल सुपरपावर बन रहा है, वहीं पाकिस्तान बैंकरप्सी की ओर बढ़ रहा है। फ़ज़्लुर्रहमान ने साथी सांसदों से पूछा, "अगस्त 1947 में, भारत और पाकिस्तान को एक साथ आजादी मिली। आज, भारत एक वैश्विक महाशक्ति बनने का सपना देख रहा है, जबकि हम दिवालिया होने से बचने के लिए भीख मांग रहे हैं। इसके लिए कौन जिम्मेदार है?

उन्होंने देश में हुए आम चुनावों की आलोचना करते हुए कहा कि चुनावों और देश को चलाने में "प्रतिष्ठान और नौकरशाही की कोई भूमिका नहीं थी। उन्होंने कहा, "यह कैसा चुनाव है जहां हारने वाले संतुष्ट नहीं हैं और जीतने वाले परेशान हैं?" नेता ने कहा है कि कोई ऐसी पावर है जो हमें कंट्रोल कर रही है। वह फैसले लेती है और हम केवल कठपुतली हैं। सरकारें महलों में बनती हैं, और नौकरशाह तय करते हैं कि प्रधान मंत्री कौन होगा. हम कब तक समझौता करते रहेंगे? हम कब तक कानून निर्माताओं के रूप में चुने जाने के लिए बाहरी ताकतों से मदद मांगते रहेंगे?