इस मौक़े पर ईरान की राजधानी तेहरान सहित देश के सैकडों छोटे बड़े शहर में विशाल रैलियां निकाली जा रही हैं जिसमें लाखों की संख्या में लोग विशेषकर छात्र भाग ले रहे हैं।
प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक़, 43 साल पहले 4 नवम्बर 1979 को ईरान के क्रांतिकारी छात्रों के एक गुट ने इस्लामी क्रांति के विरुद्ध अमरीकी षड्यंत्रों के विरुद्ध प्रदर्शन करते हुए तेहरान में स्थित अमरीकी दूतावास यानी अमेरिका के जासूसी अड्डे पर नियंत्रण कर लिया था। हर साल 4 नवंबर को विश्व साम्राज्य से संघर्ष और छात्र दिवस के रूप में मनाया जाता है।
इस साल यह दिन ईरान की जनता के लिए ख़ास महत्व रखता है। क्योंकि साम्राज्यवादी शक्तियां लागातार देश में अपने किराए के एजेंटों द्वारा दंगे भड़काने का काम कर रही हैं। इस साल पूरे ईरान में व्यापक रैलियां निकाली जा रही हैं और पूरा ईरान, हैहात मिन्नज़िल्ला, अमरीका मुर्दाबाद और इस्राईल मुर्दाबाद के नारों से गूंज रहा है।
ज्ञात रहे कि 13 आबान बराबर 4 नवंबर को ईरान में इसी दिन अलग-2 सालों में तीन महत्वपूर्ण घटनायें घटी हैं जिनकी याद में आज के समूचे देश में रैलियां निकाली जाती हैं।
आज ही के दिन 13 आबान 1343 हिजरी शमसी बराबर 4 नवंबर 1964 को इस्लामी व्यवस्था के संस्थापक स्वर्गीय इमाम ख़ुमैनी रह.को देश से तुर्किये निष्कासित किया गया था और 13 आबान 1357 हिजरी शमसी बराबर 4 नवंबर 1978 को पहलवी सरकार के सुरक्षा कर्मियों ने छात्रों की हत्या की थी और आज ही के दिन 13 आबान 1979 को स्वर्गीय इमाम खुमैनी रह. का अनुसरण करने वाले छात्रों ने विदित में अमेरिकी दूतावास और वास्तव में अमेरिका के जासूसी अड्डे पर नियंत्रण कर लिया था जिसे स्वर्गीय इमाम ख़ुमैनी रह. ने बड़ी क्रांति का नाम दिया था। MM
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