गुरुवार 29 जुलाई को दुनिया भर के शिया मुसलमान ईदे ग़दीर का जश्न मना रहे हैं।
ईदे ग़दीर इस्लाम की सबसे महत्वपूर्ण ईदों में से एक है। ग़दीरे ख़ुम मक्का और मदीना के बीच एक इलाक़ा है, जहां पैग़म्बरे इस्लाम (स) ने अपने आख़िरी हज से वापसी के दौरान, हज़रत अली (अ) को अपना उत्तराधिकारी और ख़लीफ़ा घोषित किया था।
हज से वापसी के दौरान, पैग़म्बरे इस्लाम ने ख़ुदा के आदेशानुसार, समस्त हाजियों को ख़ुम के मैदान में जमा होने का आदेश दिया और जब सब इकट्ठा हो गए, तो हज़रत अली (अ) की इमामत और विलायत का एलान किया।
इस अवसर पर पैग़म्बरे इस्लाम (स) ने ख़ुत्बा देते हुए कहाः जिस जिस का मैं मौला हूं, अली उसके मौला हैं।
इस्लामी कैलेंडर में इस ईद को इस्लाम की सबसे बड़ी ईदों में से एक माना गया है। बल्कि इस दिन को सभी ईश्वरीय धर्मों की सबसे ईद कहा जा सकता है, क्योंकि यह समस्त ईश्वरीय दूतों के प्रयासों का नतीजा है।
ईरान में भी ईदे ग़दीर के मौक़े पर बुधवार की रात से जश्न और महफ़िलों का सिलसिला शुरू हो चुका है जो गुरुवार को भी जारी है। ख़ास तौर पर पवित्र शहरों मशहद और क़ुम में लोग पवित्र रौज़ों पर जाकर अपनी ख़ुशियों को दूसरे मोमिनों के साथ साझा कर रहे हैं और एक दूसरे को मुबारकबाद दे रहे हैं।
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