AhlolBayt News Agency (ABNA)

source : parstoday
रविवार

5 जनवरी 2020

3:46:09 pm
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क़ासिम सुलैमानी की शहादत के साथ ही साम्राज्यवाद ने फ्रीडम ऑफ स्पीच का गला घोंटा, आयतुल्लाह ख़ामेनई समेत हज़ारों के एकाउंट सस्पेंड

अमेरिका के खिलाफ दुनिया भर विशेष कर मिडिल ईस्ट मे उठे नफरत के तूफ़ान ने अमेरिका को हैरान कर दिया है शायद अमेरिका ने सोचा भी नहीं होगा कि उसके लिए शहीद क़ासिम सुलैमानी , सरदार क़ासिम सुलैमानी से ज़्यादा ख़तरनाक साबित होंगे। ।

 प्राप्त जानकारी के अनुसार ईरान की आईआरजीसी बल के विश्व विख्यात जनरल और आतंकवाद के विरुद्ध संघर्ष के नायक मेजर जनरल क़ासिम सुलैमानी की हत्या कर मीडिल ईस्ट में अपनी क़ब्र खोदने वाले अमेरिका ने इस महान योद्धा की शहादत के बाद अपने खिलाफ उठे नफरत के तूफ़ान को थामने के लिए एक बार फिर सोशल मीडिया एकाउंट बंद करना शुरू कर दिए हैं, अमेरिका के खिलाफ दुनिया भर विशेष कर मीडिल ईस्ट मे उठे नफरत के तूफ़ान ने अमेरिका को हैरान कर दिया है शायद अमेरिका ने सोचा भी नहीं होगा कि उसके लिए शहीद क़ासिम सुलैमानी , सरदार क़ासिम  सुलैमानी से ज़्यादा ख़तरनाक साबित होंगे। ।
रिपोर्ट के अनुसार खबर लिखे जाने तक ट्विटर से लेकर इंस्टाग्राम और फेसबुक तक सैंकड़ों पेज और एकाउंट को सिर्फ इस लिए बंद कर दिया गया क्योंकि उन पर अमेरिका के आतंकी हमलों की निंदा कर, शहीद क़ासिम सुलैमानी को श्रद्धांजलि देते हुए नायक के तौर पर याद रखने की बातें कही गई थी ।
गौर करने की बात है कि यही सोशल प्लेटफार्म उस वक़्त एक दम खामोश रहते हैं जब समुदाय विशेष को निशाना बनाकर अभद्रता एवं आतंक की सारी सीमायें लांघ दी जाती हैं चाहे वह पैग़ंबरे इस्लाम स.अ. को टार्गेट कर चरित्र हनन करना हो, या मुस्लिम समुदाय और इस्लाम को टार्गेट करते हुए इस सृष्टि के रचियता के खिलाफ भद्दी भाषा का प्रयोग करना, लेकिन बात जहाँ साम्राज्यवादी शक्तियों के अमानवीय कृत्यों की आती है फेसबुक से लेकर ट्विटर और इंस्टाग्राम तक हज़ारों एकाउंट को बंद करने में ज़रा भी देर नहीं लगाते ।
हाल ही में इस्राईल की बर्बरता का उल्लेख कर निंदा करने के कारण हिज़्बुल्लाह और हमास के अधिकारिक पेज से लेकर इन दलों से जुड़े लोगों के एकाउंट ट्विटर और फेसबुक द्वारा ब्लॉक करना रहा हो या अंसारुल्लाह के एकाउंट, अभिव्यक्ति की आज़ादी का दावा करने वालों ने बिना किसी कारण के आम लोगों की आवाज़ को दबा दिया, वहीँ बात भारत की करें तो हालिया कई महीनों में एक विशेष विचारधारा से जुड़े दलों और लोगों ने पैग़ंबरे इस्लाम स.अ. से लेकर ईश्वर तक के खिलाफ अपमानजनक ट्रेंड चलाए लेकिन साम्राज्यवादी सोशल मीडिया के कर्ता धर्ता मूक दर्शक बने रहे तथा बार बार चेताए जाने के बावजूद कोई क़दम नहीं उठाया  वहीँ इस अत्याचार पर आवाज़ उठाने वाले सैंकड़ों एकाउंट को बिना कोई उचित कारण बताए सस्पेंड कर दिया गया ।
वही काम एक बार फिर ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम की ओर से जारी है अब तक सैंकड़ों एकाउंट को ब्लॉक कर दिया गया है सैंकड़ों पेज बंद कर दिए गए हैं और कारण सिर्फ इतना कि इन एकाउंट से ट्रम्प और अमेरिका के आतंकी हमलों की निंदा करते हुए शहीद क़ासिम सुलैमानी , अबू महदी और उनके साथ शहीद होने वाले उनके साथियों को श्रद्धांजलि दी गई थी ।
ग़ौर करने वाली बात यह है कि जिन लोगों के एकाउंट को बंद किया गया है उस में ईरान के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाह खामेनई का नाम भी शामिल है ।