AhlolBayt News Agency (ABNA)

source : parstoday
शुक्रवार

3 जनवरी 2020

5:19:24 pm
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अमरीकी मध्यपूर्व छोड़ें या अपने सैनिकों के लिए ताबूत तैयार करें, वह सबक़ सिखाएंगे कि कोई अमरीकी राष्ट्रपति उसे भूल नहीं पाएगा, ई

ईरान के क्रांति संरक्षक बल की कुद्स फोर्स के कमांडर, जनरल क़ासिम सुलैमानी को तीन जनवरी तड़के अमरीका ने बगदाद हवाई अड्डे के निकट एक हवाई हमले में शहीद कर दिया।

इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनई ने कहा है कि कड़ा बदला लिया जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने ईरान में तीन दिन के राष्ट्रीय शोक का एलान किया है। इराक़ और सीरिया में आतंकवादी संगठनों को घूल चटाने वाले जनरल सुलैमानी की शहादत के बाद, आईआरजीसी ने एक बयान जारी करके कहा है कि अमरीकियों  की क्षणिक खुशी, जल्द ही शोक में बदल जाएगी।

आरआरजीसी के प्रवक्ता रमज़ान शरीफ ने कहा है कि आज से हम आईआरजीसी में नया अध्याय शुरु कर रहे हैं।

आईआरजीसी के डिप्टी कोआर्डिनेटर मुहम्मद रज़ा नक़दी ने जनरली सुलैमानी की शहादत पर प्रतिक्रिया प्रकट करते हुए कहा कि अमरीका को इसी समय से इस्लामी जगत से अपनी छावनियां खाली करना शुरु कर देना चाहिए और या फिर अपने सैनिकों के लिए ताबूत तैयार कराना शुरु कर दे।

इसी के साथ उन्होंने कहा कि इस्राईल, या तो अपना बोरिया बिस्तर समेट कर युरोप चला जाए कि जहां से वह आया था या फिर हमारे निर्णायक क़दक के लिए तैयार रहे।

उन्होंने कहा कि हम रक्तपात नहीं चाहते, लेकिन राह का उन्हें ही चयन करना।

जनरल क़ासिम सुलैमानी हमेशा अमरीका व इस्राईल की आंख का कांटा रहे और विभिन्न देशों विशेषकर इराक़ और सीरिया में उन्होंने आतंकवादियों को हरा कर अमरीका व इस्राईल की पूरी योजना ही मिट्टी में मिला दी थी।

स्कॉट बेन्ट अमरीकी टीकाकार हैं जो सनफ्रांसिस्को में रहते हैं। वह अमरीकी सेना में अफसर भी थे। उन्होंने ईरान की तस्नीम न्यूज़ एजेन्सी से एक वार्ता में आईआरजीसी के क़ुद्स ब्रिगेड के कमांडर, जनरल क़ासिम सुलैमानी के बारे में बात करते हुए कहा था कि जनरल सुलैमानी अपने कूटनैतिक और सैनिक प्रभाव की वजह से अमरीका और इस्राईल की साज़िशों को नाकाम बनाने में सफल हुए हैं।

    वह कहते हैं कि सुलैमानी ने पूरी दुनिया पर क़ब्ज़ा करने का इरादा रखने वाले घृणित और जुनूनी दाइश जैसे आतंकवादी संगठन का अंत करने में सफलता प्राप्त की और इस काम को उन्होंने अपनी ज़िम्मेदारी बना लिया था। इसके लिए उन्हें अपने देश, अपने राष्ट्र, अपनी संस्कृति, अपने परिवार और अपने साथियों से प्रेरणा मिली थी।

     आतंकवादी संगठन दाइश के अंत के बाद अमरीकी पत्रिका न्यूज़ वीक ने उनका फोटो कवर पेज पर छापा और लिखा था कि पहले वह अमरीका से लड़े और अब आईएसआई को कुचल रहे हैं। पत्रिका ने उन्हें प्रतिशोध का देवता भी कहा था।

      अब आतंकवादियों को खत्म करने वाले इसी प्रतिशोध के देवता को आतंकवादियों के सब से बड़े समर्थक अमरीका ने शहीद कर दिया है। ईरान के सरकारी प्रवक्ता अली रबीई ने कहा है कि कास़िम सुलैमानी की शहादत पर अमरीका को वह सबक़ सिखाएंगे जिसे कोई भी अमरीकी राष्ट्रपति भूल नहीं पाएगा।

जनरल कासिम सुलैमानी, ईरान के किरमान प्रान्त में पैदा हुए और 12 वर्ष की आयु में गांव छोड़ कर किरमान नगर गये और वहां मज़दूरी करने लगे, बाद में जल विभाग में ठेकेदार बने और इसी दौरान क्रांति के लिए जारी आंदोलन में भाग लेना भी शुरु कर दिया। ईरान में क्रांति की सफलता के बाद वह आईआरजीसी में शामिल हुए जल्द ही कमांडर बन गये  और फिर ईरान इराक़ युद्ध में उन्होंने बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

   8 वर्षों तक चले युद्ध के अंत के बाद वह ईरान की पूर्वी सीमा पर मादक पदार्थों के तस्करों से लोहा लेने लगे और फिर ईरान के वरिष्ठ नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली खामेनई ने उन्हें तेहरान बुला कर आईआरजीसी की कुद्स ब्रिगेड का कमांडर बना दिया।

     उन्होंने लेबनान के हिज़्बुल्लाह संगठन और फिलिस्तीनी गुटों को मज़बूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जिसका प्रभाव लेबनान के खिलाफ इस्राईल के युद्धों में साफ नज़र आया और हिज़्बुल्लाह ने इस्राईल को कई बार पराजित करके, नया इतिहास रचा।

     अमरीका, इस्राईल और सऊदी अरब तथा कुछ अन्य क्षेत्रीय देशों की साज़िश से जब इराक़ और सीरिया में आंतकवाद का संकट फैल गया तो जनरल कासिम सुलैमानी को नयी ज़िम्मेदारी मिली और इस ज़िम्मेदारी को बहुत अच्छी तरह से उन्होंने निभाया।

     जनरल सुलैमानी की कोशिशों से इराक़ और सीरिया में स्वंय सेवी बलों का गठन हुआ और उनकी मदद से इन दोनों देशों में आतंकवादियों का लगभग पूरी तरह से सफाया कर दिया गया। आज सीरिया और इराक़ की जनता और सरकारी अधिकारी खुल कर कहते हैं और सब को मालूम भी है कि अगर ईरान न होता तो बगदाद और दमिश्क पर आतंकवादी संगठन दाइश का क़ब्ज़ा होता। रूस को सीरिया के मैदान में लाने के लिए राष्ट्रपति पुतीन को तैयार करने में भी जनरल कासिम सुलैमानी ने मुख्य भूमिका निभाई थी।  ईरान को इराक़ और सीरिया में जीत दिलाने में मुख्य भूमिका जनरल क़ासिम सुलैमानी की थी।

अपनी मूर्खताओं के लिए मशहूर अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक और बड़ी और शायद सब से बड़ी मूर्खता कर दी है जिसकी क़ीमत शायद उनकी कल्पना से परे हो। ईरान इस आतंकवादी हमले का जवाब कैसे देगा और क्या होगा उसका बदला?  इस बारे में अभी कुछ कहना जल्दी है लेकिन यह तो निश्चित है कि इलाक़े में एक नया संकट शुरु हो चुका है जो बड़े परिवर्तन की भूमिका भी हो सकता है।