सोमवार को तुर्की के विदेश मंत्रालय ने कहाः सऊदी अदालत का फ़ैसला, ख़ाशुक़जी हत्याकांड के विभिन्न पहलूओं के सामने आने के बावजूद, विश्व समुदाय की आशाओं के अनुसार और न्याय के आधार पर नहीं है।
तुर्क विदेश मंत्रालय ने ख़ाशुक़जी की लाश के बारे में स्थिति साफ़ न होने और इस हत्याकांड में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले वरिष्ठ अधिकारियों को बरी किए जाने पर सवाल उठाए हैं।
सऊदी अरब की एक अदालत ने पिछले साल अक्तूबर में इस्तांबुल स्थित सऊदी कांसुलेट में पत्रकार जमाल ख़ाशुक़जी की निर्मम हत्या के आरोप में 5 लोगों को सज़ाए मौत और 3 को क़ैद की सज़ा सुनाई है।
हालांकि क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के ख़ास सलाहकार सऊद अल-क़हतानी को अदालत ने बाइज़्ज़त बरी कर दिया है, जिन्हें इस हत्या का मुख्य साज़िशकर्ता माना जा रहा था।
संयुक्त राष्ट्र संघ ने इसे एक अपराधिक हत्या क़रार देते हुए सऊदी अरब को इसके लिए ज़िम्मेदार क़रार दिया था।
संयुक्त राष्ट्र संघ के विशेष दूत एगनेस कालमार्ड ने कहा था कि इस बात के पुख़्ता सुबूत हैं कि सऊदी क्राउन प्रिंस बिन सलमान समेत कई वरिष्ठ अधिकारी इस हत्या में शामिल थे।
हालांकि सऊदी अधिकारियों ने इन आरोपों को ख़ारिज करते हुए दावा किया था कि क्राउन प्रिंस को इस हत्या के बारे में पूर्व जानकारी नहीं थी।