शुक्रवार को टीवी से प्रसासित होने वाले अपने भाषण में नसरुल्लाह ने कहाः अमरीका भरपूर कोशिश कर रहा है कि वह यह साबित कर सके कि हिज़्बुल्लाह लेबनान के लिए एक ख़तरा है। वास्तव में अमरीकी अपने हितों और इस्राईल के के लिए मरे जा रहे हैं। लेबनानी राष्ट्र के हितों से उन्हें कोई लेना देना नहीं हैं। हिज़्बुल्लाह की छवि को ख़राब करने के लिए अमरीका करोड़ों डॉलर पानी की तरह बहा रहा है, इसके बावजूद इस तरह के प्रयास कभी सफल नहीं होंगे।
उन्होंने कहा कि अमरीका, लेबनान में सरकार विरोधी प्रदर्शनों के बारे में बड़े पैमाने पर फ़र्ज़ी ख़बरों का प्रसारण कर रहा है, हालांकि अमरीकी नेता ख़ुद अपनी समस्याओं में घिरे हुए हैं।
नसरुल्लाह का कहना था कि अमरीका में लेबनान के इस्लामी प्रतिरोधी आंदोलन हिज़्बुल्लाह को कमज़ोर करने और उसे लेबनान की राजनीति से अलग करने की ताक़त नहीं है।
उन्होंने आगे कहाः “हिज़्बुल्लाह इस्राईल के वर्चस्ववादी नीतियों और साज़िशों के मार्ग में एक बड़ी रुकावट है। और इस्राईल इस तथ्य से अच्छी तरह से वाक़िफ़ है कि अगर हिज़बुल्लाह ने (लेबनान की) सरकार को चलाना चाहा होता, तो वह लेबनान के साथ लगी सीमा पर दीवार के निर्माण और लेबनान के जल क्षेत्र के बार-बार उल्लंघन पर प्रभावी कार्यवाही करता।
हिज़्बुल्लाह प्रमुख ने लेबनानी राष्ट्र से कहा कि वह व्हाइट हाउस द्वारा किए जाने वाले झूठे वादों पर विश्वास न करे, इसी के साथ उन्होंने अमरीकियों को चेतावनी देते हुए कहा कि अपने हित साधने के लिए दूसरों का दुरुपयोग न करें।
उन्होंने कहा कि अमरीका और इस्राईल, लेबनानी राष्ट्र को भड़काने के लिए ईरानी अधिकारियों के नाम से झूठा प्रोपैगंडा कर रहे हैं।
नसरुल्लाह का कहना था कि हमने अपने लेबनानी सहयोगियों से संपर्क किया, तो उन्होंने हमें आश्वासन दिया कि लेबनानी सीमा से इस्राईल पर हमला करने की ईरान की धमकी की ख़बरें फ़ेक हैं, क्योंकि कभी भी किसी ईरानी अधिकारी ने इस तरह का बयान नहीं दिया है।