इराक के 500 से अधिक नगरों और क्षेत्रों से लोग, इमाम हुसैन का चालीसवां मनाने कर्बला पहुंचे थे जिनकी सेवा के लिए 10 हज़ार से अधिक " मौकिब" अर्थात ज़ायरीन के लिए " सेवा केन्द्र" बनाए गये थे। यह सेवा केन्द्र इराक, लेबनान कुवैत, ईरान, आज़रबाइजान, सऊदी अरब, भरत, पाकिस्तान, ब्रिटेन, स्वीडन, जर्मनी, तुर्की, थाईलैंड, फ्रांस, और हालैंड जैसे देशों के लोगों ने बनाए थे। यह वह सेवा केन्द्र हैं जो औपचारिक रूप से रजिस्टर्ड हैं वैसे पैदल चलने वालों के रास्ते में बनाए गये सभी सेवा केन्द्रों को गिनना असंभव है। कुछ लोगों का अनुमान है कि कुल संख्या, 1 लाख से अधिक हो सकती है।
इस साल अरबईन के कुछ आंकड़े इस प्रकार हैः
- इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम के चालीसवें में 4 अक्तूबर से 19 अक्तूबर के बीच दो करोड़ दस लाख से अधिक लोगों ने भाग लिया जिनमें से एक करोड़ सत्तर लाख इराक़ी नागरिक थे। अर्थात इराक़ की कुल आबादी के चालीस फीसद और इराक़ी शिया मुसलमान के 75 प्रतिशत लोगों ने, कर्बला जाकर इमाम हुसैन का चालीसवां मनाया।
- इस साल चालीसवें में 5 लाख इराक़ियों ने दुनिया के 50 देशों से कर्बला की यात्रा की थी।
- इस साल इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम के चालीसवें में कई हज़ार सुन्नी मुसलमानों, ईसाइयों और साबेईन मत के लोगों ने भाग लिया।
- दुनिया के 70 से अधिक देशों के लगभग 40 लाख गैर इराक़ियों ने कर्बला की यात्रा की जिनमें से 30 लाख से अधिक ईरानी, 5 लाख पाकिस्तानी, और अन्य लोग भारत, आज़रबाइजान, तुर्की, अफगानिस्तान, लेबनान, कुवैत, बहरैन और सऊदी अरब जैसे देशों से कर्बला गये थे।
- इमाम हुसैन के चालीसवें में पैदल मार्च के लिए कुल रास्ता, 2000 किलोमीटर से अधिक है इस प्रकार से यह मानव इतिहास की सब से लंबी पैदल यात्रा है।
- इमाम हुसैन के मज़ार की ज़ियारत के लिए पैदल चलने वालों को लगभग 12 करोड़ 50 लाख खाना, 15 करोड़ लीटर पानी, 50 लाख पैकेट जूस के पैकेट और लगभग 5 लाख टन फल और सब्ज़ी दी गयी अर्थात हर दिन 70 लाख खाने लोगों को खिलाये गये।
- पैदल मार्च करने वालों के पूरे रास्ते में 6 लाख से अधिक लोग, सेवा में व्यस्त रहे और सब के सब स्वंय सेवी थे।
- इस अवसर पर 30 लाख से अधिक झंडे फहराए गये जो विश्व रिकार्ड है।
- इतनी अधिक भीड़ और इतने लोगों के एक साथ पैदल चलने के बावजूद कोई दुर्घटना नहीं हुई और न ही आपस में किसी प्रकार का कोई झगड़ा हुआ जो स्वंय एक असाधारण बात है।
- नजफ नगर के लोगों ने इस साल चालीसवें के कार्यक्रम के लिए लगभग 100 मिलयन डॉलर अर्थात 700 करोड़ रूपये से अधिक दान दिया।
- इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम के चालीसवें में आम लोगों की ओर से चंदे के रूप में खर्च की जाने वाली रक़म लगभग 500 मिलयन डॉलर अर्थात 3500 करोड़ रूपये से अधिक थी। लोगों ने 20 सेन्ट से लेकर 5 लाख डॉलर तक का चंदा दिया।