न्यूज़ एजेंसी साना के मुताबिक़, सीरियाई सैन्य टुकड़ियां तुर्क सेना के हमलों से निपटने के लिए पूर्वोत्तरी सीरिया की ओर बढ़ रही हैं।
इस बीच रविवार की रात तुर्की से मिली सीरिया की सीमा पर इस देश के सैनिकों की तैनाती को लेकर दमिश्क़ सरकार और सीरियाई कुर्दों के बीच सहमति की ख़बर है।
इस सहमति के आधार पर, सीरियाई सेना देश के पूर्वोत्तरी भाग में स्थित अफ़्रीन शहर सहित सभी सीमावर्ती इलाक़ों का नियंत्रण अपने हाथ में लेगी।
इस सहमति के साथ ही सीरियाई सैन्य टुकड़ियां अफ़्रीन, कूबानी, ऐन ईसा, तबक़ा और मंसूरा शहरों में तैनात होंगी।
सामाचारिक सूत्रों के मुताबिक़, सोमवार की रात से सीरियाई सैन्य टुकड़ियां तुर्की से मिली सीमा पर तैनात होंगी और कुर्द फ़ोर्स वहां से पीछे हट जाएंगी।
स्वशासित सीरियाई कुर्द प्रशासन ने बल दिया है कि तुर्की के हमलों से निपटने के लिए सीरियाई कुर्दों ने कर्तव्य समझते हुए दमिश्क़ सरकार से देश की संप्रभुता व सीमा की रक्षा के लिए सहमति की है।
तुर्क सेना ने बुधवार को सीरिया-तुर्की सीमा से आतंकी तत्वों के सफ़ाए और आतंकवाद से निपटने के नाम पर पूर्वोत्तरी सीरिया पर हमले शुरु किए।
तुर्की के उपराष्ट्रपति फ़ोआद उक्ताय ने बुधवार की शाम को "शांति का सोता" नामक अभियान शुरु होने के बाद दावा किया कि तुर्की की कार्यवाही का लक्ष्य सीरिया में शांति लाना है।
तुर्की का यह हमला अमरीका के इशारे पर हुआ है।
सीरिया पर तुर्की के हमले की अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर निंदा हो रही है।
सीरियाई सरकार ने कहा है कि वह देश की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करेगी।
कुर्द डेमोक्रेटिक फ़ोर्स एसडीएफ़ ने कहा है कि वह तुर्की के हमले को व्यापक जंग में बदल देगी।
तुर्की के हमलों में अब तक कम से कम 270 लोग मारे जा चुके हैं।
तुर्की की सेना पिछले 3 साल में कई बार सीरिया की सीमा में दाख़िल होकर हमले कर चुकी है।