AhlolBayt News Agency (ABNA)

source : parstoday
गुरुवार

3 अक्तूबर 2019

2:10:25 pm
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सीरिया इराक़ बार्डर खुलते ही हथियारों का स्ट्रैटेजिक रास्ता खुल गया जो चीन से बैरूत तक फैला है और बग़दाद, तेहरान और दमिश्क़ से ग

इराक़ ने सीरिया से मिलने वाली सीमा पर अलक़ाएम-अलबूकमाल बार्डर दोबारा खोल दिया।

यह रास्ता आठ साल से बंद था। रास्ता खुलने से अब दो देशों इराक़ और सीरिया के बीच आवाजाही और लेनदेन एक नई गति से आगे बढ़ेगा और यह दोनों ही देश उस ताक़तवार प्रतिरोधक मोर्चे का हिस्सा हैं जिसका नेतृत्व ईरान के हाथ में है और जिसने पश्चिमी एशिया के इलाक़े में अमरीका और इस्राईल तथा उनके घटकों को धूल चटाई है।

इराक़ और सीरिया के बीच कई साल तक बंद रहने वाला ज़मीनी रास्ता खुला है तो इसका मतलब यह है कि एक बहुत स्ट्रैटेजिक मार्ग पूरा हो गया जो चीन से लेकर भूमध्य सागर पर तक फैला है और इस रास्ते पर कहीं भी अमरीका इस्राईल और उनके घटकों का कोई नियंत्रण नहीं है।

इराक़ के प्रधानमंत्री आदिल अब्दुल महदी ने यह बार्डर खोलने का फ़ैसला करके हक़ीक़त में अमरीकी दबाव स्वीकार करने से साफ़ इंकार कर दिया है और इस्राईल को भी ज़ोरदार फटकार लगाई है। इराक़ी सरकार ने साफ़ कर दिया है कि वह अमरीका व इस्राईल विरोधी प्रतिरोधक मोर्चे की मज़बूत कड़ी है। इसका साफ़ मतलब यह हुआ कि अमरीका ने इराक़ युद्ध के दौरान और उसके बाद इराक़ पर अपने क़ब्ज़े के दौरान जो 6 ट्रिलियन डालर ख़र्च किए थे वह बर्बाद हो गए। अमरीका ने यह ख़र्च इसलिए किया था कि इस्राईल सुरक्षित हो जाए। हमें तो अब यह भी लग रहा है कि इराक़ का अगला क़दम उन 6 हज़ार से अधिक अमरीकी सैनिको को बाहर निकालने का होगा जो इस समय इराक़ में मौजूद हैं।

इराक़ और सीरिया ने यह क़दम उठाकर यह तो बताया ही है कि अब इस इलाक़े में दाइश जैसे चरमपंथी संगठनों के लिए कोई जगह नहीं बची है जिन्होंने पिछले पांच वर्षों से इस इलाक़े पर क़ब्ज़ा कर रखा था बल्कि साथ ही ईरान, सीरिया और लेबनान के बीच इस बेहद स्ट्रैटेजिक मार्ग के खोले जाने का मतलब यह भी है कि इसी ज़मीनी रास्ते से अब मिसाइल, टैंक और दूसरे सैन्य उपकरण जाएंगे इनके लिए एयरपोर्ट प्रयोग करने की ज़रूरत नहीं रहेगी। दमिश्क़ एयरपोर्ट पर इस्राईल ने कई बार हमले किए थे और कहा था कि वह हथियारों की सप्लाई को नाकाम बनाने के लिए यह हमले कर रहा है।

सीरियाई जनता को यह बार्डर खुलने से बहुत फ़ायदा होगा जिसकी अमरीका और अरब देशों ने नाकाबंदी कर रखी है। इससे राजनैतिक, व्यापारिक और सामाजिक संबंधों में और मज़बूती आएगी और यह अत्याचारी नाकाबंदी टूट जाएगी। इस रास्ते से सीरिया अपनी सब्ज़ियां, फल, दालें कृषि उत्पाद और औद्योगिक उत्पाद के लिए बड़े बाज़ार तक पहुंचेगा दूसरी और सीरिया से बड़ी संख्या में श्रद्धालु इराक़ पहुंचेंगे। सीरिया के अस्पतालों में लोग इलाज के लिए आएंगे क्योंकि आज भी सीरिया के अस्पताल बहुत से धनी देशों के अस्पतालों से भी अच्छे हैं।

यह भी एक अच्छा संयोग है कि यह रास्ता तब खुला है जब सर्दी शुरू होने जा रही है और इस मौसम में सीरिया के लोगों को ईंधन की बड़ी ज़रूरत पड़ती है जो अब बिना किसी रुकावट के सीरिया पहुंचेगा। ईरान के तेल टैंकर ने सीरिया तेल पहुंचाया लेकिन उसे सीरिया पहुंचने में तीन महीने का समय लग गया था। क्योंकि मिस्र ने इस टैंकर के लिए स्वेज़ नहर का रास्ता देने से इंकार किया जिसके कारण ईरानी तेल टैंकर को बहुत लंबा चक्कर काटना पड़ा।

यह सीरिया और इराक़ ही नहीं पूरी अरब दुनिया के लिए जश्न का समय है क्योंकि दो बंधू देशों ने अमरीका और इस्राईल की विभाजनकारी साज़िश को नाकाम बनाया है।

आख़िर में हम यह कामना करते हैं कि अब जार्डन भी अमरीका के दबाव को ख़ारिज करते हुए सीरिया से मिलने वाला नसीब जाबिर बार्डर खोल दे। यह बड़े अपमान की बात है कि जार्डन अमरीका के दबाव में रहे।