AhlolBayt News Agency (ABNA)

source : parstoday
रविवार

14 जुलाई 2019

1:19:50 pm
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संयुक्त राष्ट्र और मानवाधिकार अयातुल्लाह ज़कज़की की सुरक्षा को सुनिश्चित करेंः मौलाना कल्बे जवाद नक़वी

आयतुल्लाह शेख़ ज़कज़की को “स्लो पोइज़न” देने के मामले मे पूरी दुनिया के धर्मगुरुओं, विद्वानों और न्याय प्रेमी जनता में आक्रोश फूट पड़ा है। जहां ईरान, इराक़ और दुनिया के विभिन्न देशों में विरोध—प्रदर्शन हो रहे हैं वहीं भारत में भी इस देश के वरिष्ठ शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जवाद के नेतृत्व में भी प्रदर्शन हुआ।

प्राप्त जानकारी के मुताबिक़, नाइजीरिया में इस्लामी आंदोलन के प्रमुख अयातुल्लाह शेख़ ज़कज़की को ज़हर दिए जाने और उनके सिलसिले में न्यायिक आदेशों पर अमल ना करने को लेकर मजलिसे ओलमाए हिन्द के महासचिव, इमामे जुमा लखनऊ मौलाना सैयद कल्बे जवाद नक़वी ने नाइजीरियाई सरकार की कड़े शब्दों में निंदा की, साथ ही मौलाना कल्बे जवाद ने अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों और संयुक्त राष्ट्र संघ से अयातुल्लाह शेख़ ज़कज़की की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की। उन्होंने कहा कि नाइजीरियाई सरकार अयातुल्लाह शेख़ इब्राहिम ज़कज़की को “स्लो पोइज़न” देकर उनकी हत्या की साज़िश कर रही है।

मौलाना कल्बे जवाद ने कहा कि विश्व भर की मीडिया के माध्यम से जो समाचार प्राप्त हो रहे हैं उनसे पता चलता है कि शेख़ ज़कज़की को “स्लो पोइज़न” दिया जा रहा है और डॉक्टरों को उनके इलाज की अनुमति भी नहीं दी जा रही है। उन्होंने कहा कि यह स्थिति चिंता का विषय है, जिससे मालूम होता है कि उनकी जान को गंभीर ख़तरा है। मौलाना ने कहा कि नाइजीरिया की सरकार मानवाधिकारों का खुला उल्लंघन कर रही है जिस पर विश्व भर के मानवाधिकार संगठनों और संयुक्त राष्ट्र संघ को अपनी चुप्पी तोड़ते हुए तत्काल कार्यवाही करनी चाहिए।

भारत में शिया मुसलमानों के वरिष्ठ धर्मगुरु मौलाना कल्बे जवाद ने अयातुल्लाह शेख़ इब्राहीम ज़कज़की और उनके साथियों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने की मांग करते हुए कहा कि नाइजीरियाई सरकार अमेरिका, सऊदी अरब और इस्राईल की तरह ज़ालिम है जो मज़लुमों की हत्या कर रही है। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ को नाइजीरिया में अल्पसंख्यकों की हत्याओं और विशेषकर शियों के नरसंहार पर उचित क़दम उठाने चाहिए। मौलाना कल्बे जवाद ने कहा कि अगर अयातुल्लाह शेख़ इब्राहिम ज़कज़की की जान को कोई ख़तरा होता है तो इसकी सारी ज़िम्मेदारी संयुक्त राष्ट्र संघ और अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों की होगी। मौलाना ने कहा कि जल्द ही संयुक्त राष्ट्र संग को एक पत्र लिख कर इस मामले में उचित कार्यवाही की मांग की जाएगी।