AhlolBayt News Agency (ABNA)

source : parstoday
रविवार

9 जून 2019

6:53:33 pm
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सऊदी अरब, 10 वर्ष की आयु में साइकिल रैली में भाग लेने वाले शिया लड़के का सिर क़लम किए जाने की तैयारी

सऊदी अरब में सरकार विरोधी प्रदर्शनों में भाग लेने के कारण 13 वर्ष की आयु में गिरफ़्तार किए गए एक लड़के को फांसी पर चढ़ाने की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।

मुर्तज़ा क़ुरैरिस को सरकार विरोधी प्रदर्शनों में भाग लेने, आतंकवादी संगठन से जुड़ने और सुरक्षा बलों पर पैट्रोल बम से हमला करने के आरोपों में मौत की सज़ा सुनाई गई है।

18 वर्षीय मुर्तज़ा ने इन आरोपों को निराधार और झूठा बताया है और कहा है कि हिरासत में शारीरिक यातनाएं देकर उसे इन आरोपों को स्वीकार करने पर मजबूर किया गया था।

एमनेस्टी इंटरनेश्नल ने सऊदी अरब से अनुरोध किया है कि पांच वर्ष पूर्व गिरफ़्तार किए गए इस बच्चे का सिर क़लम नहीं किया जाए।

मुर्तज़ा को 13 वर्ष की आयु में सरकार विरोधी प्रदर्शनों में भाग लेने के दौरान गिरफ़्तार किया गया था और उसी वक़्त से उसे जेल में क़ैद करके रखा गया है।

एमनेस्टी इंटरनेश्नल का कहना है कि मुर्तज़ा पर जो आरोप लगाए गए हैं, उनमें से कुछ का संबंध तो उस समय से है, जब वह केवल 10 वर्ष के थे।

मुर्तज़ा पर आरोप है कि 10 वर्ष की आयु में उसने सरकार विरोधी प्रदर्शनों में भाग लिया, हालांकि उसके परिजनों का कहना है कि उसने अपने भाई के अंतिम संस्कार में भाग लिया था, जिसकी 2011 में सरकार विरोधी प्रदर्शन के दौरान पुलिस की गोली लगने से मौत हो गई थी।

सीएनएन ने एक वीडियो फ़ुटेज जारी किया है, जिसमें देखा जा सकता है कि मुर्तज़ा 2011 में पूर्वी प्रांत में दूसरे कई बच्चों के साथ एक साइकिल रैली में भाग ले रहे हैं।

सऊदी अधिकारियों का कहना है कि मुर्तज़ा को 2014 में उस समय गिरफ़्तार किया गया था, जब वह अपने परिवार के साथ बहरैन जा रहे थे।

एमनेस्टी इंटरनेश्नल की रिपोर्ट के मुताबिक़, गिरफ़्तारी के पांच साल बाद तक मुर्तज़ा से किसी को मिलने तक नहीं दिया गया, यहां तक कि उसके वकील को भी मुलाक़ात की अनुमति नहीं दी गई।

रिपोर्ट के मुताबिक़, मुर्तज़ा को जेल में तनहा एक काल कोठरी में रखा गया और पूछताछ के दौरान शारीरिक एवं मानसिक यातनाएं दी गईं। पूछताछ करने वाले पुलिस अधिकारियों ने उससे वादा किया था कि अगर वह अपने ख़िलाफ़ लगे आरोपों को स्वीकार कर लेगा तो उसे आज़ाद कर दिया जाए।

सऊदी अरब ने सीएनएन की रिपोर्ट और एमनेस्टी इंटरनेश्नल की अपील पर अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।

एमनेस्टी इंटरनेश्नल की रिसर्च डायरेक्टर लिन मालूफ़ ने कहा है कि मुर्तज़ा के ख़िलाफ़ प्रदर्शनों में भाग लेने जैसे आरोप 10 वर्ष की उम्र से जुड़े हैं।

उन्होंने आगे कहा, सऊदी अरब का इतिहास है कि शिया मुसलमानों के बच्चों सहित वह मौत की सज़ा को राजनीतिक विरोध को कुचलने के लिए एक हथियार के रूप में इस्तेमाल करता रहा है।

अप्रैल में सऊदी शासन ने 34 शिया मुसलमानों समेत 37 लोगों के सिर क़लम कर दिए थे और अन्य नागरिकों के दिलों में भय उत्पन्न करने के लिए उनमें से एक व्यक्ति की लाश को एक खम्बे पर टांग दिया था।

हालांकि मानवाधिकार संगठनों ने कहा था कि फांसी पर चढ़ाए जाने वाले सभी लोगों का संबंध शिया समुदाय से था।