इस्राईली समाचार पत्र, यदीऊत अहारोनूत के अनुसार सन 2018 में इस केन्द्र में चार हज़ार से अधिक इस्राईलियों ने अपना उपचार कराया जो सन 2017 की तुलना में 25 प्रतिशत अधिक था। मानसिक रोगों के उपचार के लिए इस केन्द्र में जाने वाले अधिकांश रोगी, दक्षिणी इस्राईल के थे जिसकी सीमा गज़्ज़ा से मिलती है।
इस्राईली समाचार पत्र की रिपोर्ट में बताया गया है कि सन 2014 में गज़्जा के खिलाफ इस्राईल के युद्ध के बाद से मानसिक उपचार कराने वाले इस्राईलियों की संख्या में असाधारण रूप से वृद्धि हुई है इसी प्रकार पिछले साल, जब फिलिस्तीन और इस्राईल के मध्य तनाव बढ़ा था तो मानसिक उपचार के लिए इस उपचार केन्द्र में जाने वालों की संख्या 40 प्रतिशत बढ़ गयी थी।
इस सेन्टर ने बताया है कि गज़्ज़ा पर इस्राईल के बार बार हमले और उसके जवाब में फिलिस्तीनियों की ओर से आग लगाने वाले बैलूनों और प्रदर्शनों की वजह से इस सेन्टर में उपचार के लिए आने वाले इस्राईलियों की संख्या में अत्याधिक ड्रामाई अंदाज़ में वृद्धि हुई है।
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि 30 मार्च सन 2018 में वापसी मार्च शुरु होने के बाद से हर दिन लगभग 200 लोग इस मानसिक उपचार केन्द्र में इलाज के लिए आते हैं।
इस सेन्टर की रिपोर्ट में बताया गया है कि उपचार के लिए आने वालों में से 45 फीसद लोगों की आयु 21 से 34 साल तक थी जिनमें से 45 फीसद लोग, आम शहरी होते हैं। इन में से 65 फीसद लोग, दक्षिणी इस्राईल के होते हैं जो गज़्जा की सीमा पर है, 12 फीसद उत्तरी क्षेत्र के जो लेबनान की सीमा पर स्थित है 10 फीसद केन्द्रीय क्षेत्रों के होते हें।
याद रहे इस्राईल ने गत पांच मई को गज़्ज़ा पर एक बार फिर हमला कर दिया जिसके बाद फिलिस्तीनियों ने इस्राईल पर राकेटों की बरसात कर दी। 6 मई को यह झड़प, मिस्र, क़तर और संयुक्त राष्ट्र संघ की मध्यस्थता से खत्म हुई।