AhlolBayt News Agency (ABNA)

source : parstoday
शनिवार

11 मई 2019

1:43:35 pm
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दक्षिणी इदलिब में आगे बढ़ रही है सीरियाई सेना, कई स्ट्रैटेजिक इलाक़ों की आज़ादी तुर्की की ख़ामोशी के बारे में सवाल पैदा करती है!

हमें नहीं लगता कि तुर्की के रक्षा मंत्री ख़ुलूसी अकार ने सीरियाई सेना से जो मांग की है कि वह दक्षिणी इदलिब पर हमले रोक दे उस पर दमिश्क़ सरकार कोई ध्यान देगी। क्योंकि सीरियाई फ़ोर्सेज़ ने हाल के कुछ ही दिनों में बहुत महत्वपूर्ण प्रगति की है और उनके सामने चरमपंथी संगठनों की ओर से कोई विशेष प्रतिरोध भी नहीं हुआ।

यही वजह है कि सीरियाई सेना ने कफ़र बनूदा और क़लआ मज़ीक़ इसी तरह, तल हवाश, अलकराकात और शैख़ इद्रीस को आज़ाद करा लिया जो स्ट्रैटेजिक दृष्टि से भी और मनोबल बढ़ाने की दृष्टि से भी बहुत महत्वपूर्ण परिवर्तन है।

यह बात भी ध्यान योग्य थी कि रूस के विदेश उपमंत्री सर्गेई फ़ीरशीनीन ने कहा कि इन इलाक़ों में सीरियाई सेना का आप्रेशन अंकारा सरकार के समन्वय से हुआ है। इससे पता चलता है कि हालिया दिनों में जब से सीरियाई सेना का आप्रेशन चल रहा है अंकारा सरकार पूरी तरह ख़ामोश क्यों है?

दक्षिणी इदलिब पर सीरिया और रूस का संयुक्त हमला अन्नुस्रा संगठन जिसने अपना नाम बदल कर हैअत तहरीरुश्शाम रख लिया है, की ओर से रूस की हमीमीम छावनी पर किए गए मिसाइल हमले का जवाब है। चरमपंथी संगठन के मिसाइल हमले को रूसी मिसाइल ढाल व्यवस्था ने नाकाम बना दिया था। इस हमले से रूस का आक्रोश बढ़ा और उसने उत्तरी सीरिया के बारे में संयम बरतने की नीति समाप्त कर दी।

यह लगता है कि गत वर्ष सितम्बर महीने में सूची शहर में रूस के राष्ट्रपति व्लादमीर पुतीन और तुर्क राष्ट्रति रजब तैयब अर्दोग़ान के बीच जो सहमति बनी थी उस पर अमल करने में अंकारा सरकार की टालमटोल पर रूस का संयम अब समाप्त हो चुका है। तुर्क राष्ट्रपति ने वहां वादा किया था कि वह इदलिब शहर पर चरमपंथी संगठनों का नियंत्रण समाप्त करवाकर इस शहर को सीरियाई सेना के नियंत्रण में लौटाएंगे।

तुर्की की सरकार को यह डर है कि इदलिब के इलाक़े में लड़ाई होगी तो शरणार्थियों की नई लहर तुर्की की सीमा की ओर बढ़ेगी। यही वजह है कि तुर्की के रक्षा मंत्री मांग कर रहे हैं कि आम नागरिकों की सुरक्षा के लिए सीरियाई सेना अपने हमले रोक दे।

सीरियाई सरकार का कहना है कि तुर्क सरकार अन्नुस्रा संगठन का समर्थन करती है जिसे आतंकी संगठन घोषित किया जा चुका है और जब से इस संगठन ने रूसी छावनी को मिसाइलों और ड्रोन विमानों से निशाना बनाया है मास्को को भी इस बात का यक़ीन हो चुका है।

वर्तमान टकराव और तनाव को नियंत्रण में रखने के लिए रुस और तुर्की के मध्य संपर्क बना हुआ है ताकि सीरियाई सेना और तुर्क सेना के बीच टकराव की नौबत न आने पाए। मगर यह बात तो तय है कि इदलिब को पूरी तरह आज़ाद कराने तक सीरियाई सेना की प्रगति जारी रहेगी और सीरियाई सेना बाबुल हवा नामक पास का नियंत्रण भी अपने हाथ में लेगी जो सीरिया और तुर्की की संयुक्त सीमा पर स्थित है। यह लगता है कि अन्नुस्रा तथा अन्य संगठनों से अपने पुराने संबंध की वजह से तुर्क सेना इन संगठनों का सफ़ाया ख़ुद नहीं करना चाहती बल्कि उसकी इच्छा यह है कि यह काम सीरियाई सेना करे। इसका मतलब यह है कि तुर्क विदेश मंत्री ने इदलिब पर हमला रोकने की जो बात कही है वह केवल आंख में धूल झोंकने की कोशिश है। वैसे असली हक़ीक़त अल्लाह ही जानता है।

 

साभार रायुल यौम