मंगलवार को इस मुलाक़ात में विदेश मंत्री ज़रीफ़ और राष्ट्रपति असद ने दोनों देशों के बीच हुए द्विपक्षीय समझौतों पर अमल को लेकर विचार विमर्श किया।
मंगलवार को दमिश्क़ पहुंचकर ईरानी विदेश मंत्री ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा था कि सीरिया और क्षेत्र में अमरीका और इस्राईल की निरंतर हार के बाद, कुछ महत्वपूर्ण घटनाएं घटी हैं, जिस पर सीरियाई अधिकारियों से बातचीत की जाएगी।
ग़ौरतलब है कि अमरीका ने पिछले साल जहां बैतुल मुक़द्दस को इस्राईल की राजधानी के रूप में मान्यता दी थी, वहीं इस साल गोलान हाइट्स पर इस्राईली क़ब्ज़े को भी स्वीकार कर लिया है और हाल ही में आतंकवाद के ख़िलाफ़ अहम भूमिका निभानी ईरानी की इस्लामी क्रांति फ़ोर्स आईआरजीसी को आतंकवादी गुटों की सूची में डाल दिया।
ज़रीफ़ ने अमरीका के इन फ़ैसलों को अंतरराष्ट्रीय क़ानूनों का उल्लंघन बताते हुए कहा है कि वह इस तरह के अहम मुद्दों पर सीरियाई अधिकारियों के साथ विचार विमर्श करेंगे।
मंगलवार को दमिश्क़ पहुंचकर सबसे पहले ज़रीफ़ ने हज़रत ज़ैनब के रौज़े पर हाज़िरी दी और वहां उनके रौज़े की ज़ियारत की।