AhlolBayt News Agency (ABNA)

source : parstoday
रविवार

14 अप्रैल 2019

1:44:19 pm
936887

आतंकवादी गुटों से मुक़ाबले के बारे में सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव को व्यवहारिक बनाएंगेः पाकिस्तान

पाकिस्तान ने फ़ैसला लिया है कि वह आतंकवादी गुटों से मुक़ाबले के बारे में सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव को व्यवहारिक बनाएगा।

पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया है कि आतंकवाद से मुक़ाबले के संदर्भ में संयुक्त राष्ट्रसंघ की सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव क्रमांक 1267 को उनका देश व्यवहारिक बनाएगा।  तहमीने जंजूआ ने कहा कि पाकिस्तान ने सुरक्षा परिषद के इस प्रस्ताव को लागू कराने के लिए नई कार्यसूचि तैयार की है।  उन्होंने कहा कि यह प्रस्ताव, पाकिस्तान में आतंकवाद के विरुद्ध संघर्ष में सहायक सिद्ध होगा।  पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की नई कार्यसूचि में अलक़ाएदा और तालेबान सहित दूसरे आतंकवादी गुटों के विरुद्ध क़ानूनी कार्यवाही भी शामिल है।  वास्तविकता यह है कि भारत नियंत्रित कश्मीर के पुलवामा में आतंकी हमले के बाद और इसी प्रकार तालेबान तथा अमरीका के बीच वार्ता के बंद गली में पहुंचने के बाद पाकिस्तान पर नए आरोप लगने लगे हैं।  यही कारण है कि पाकिस्तान ने सक्रिय आतंकवादी गुटों से मुक़ाबले की नीति को गंभीरता से लिया है जो अफ़ग़ानिस्तान सरकार के साथ ही संसार के कई अन्य देशों की इस्लामाबाद से मांग रही है।

सुरक्षा परिषद का प्रस्ताव क्रमांक 1267 सन 1999 में पारित हुआ था जिसमें पाकिस्तान से इसे व्यवहारिक करने पर बल दिया गया है।  यह प्रस्ताव, अफ़ग़ानिस्तान की स्थिति के बारे में एक प्रकार से अन्तर्राष्ट्रीय प्रमाण है।  इस प्रस्ताव के सातवें अनुच्छेद में सदस्य देशों से मांग की गई है कि अलक़ाएदा, बिन लादेन और तालेबान और उनसे संबन्धित कंपनियों की संपत्ति को सीज़ कर दिया जाए।  जानकारों का कहना है कि वर्तमान समय में पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति और विदेश से इस देश पर पड़ने वाले प्रभाव के दृष्टिगत इस्लामाबाद ने सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव को पारित कराने के लिए हामी भरी है।  उसे एक डर यह भी है कि अन्तर्राष्ट्रीय वित्तीय संस्थाओं से ऋण लेने में भी उसे बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है।  तालेबान सहित अन्य आतंकवादी गुटों की संपत्ति को सीज़ करने से संनब्धित राष्ट्रसंघ के प्रस्ताव क्रमांक 1267 को लागू करने पर पाकिस्तन की ओर से बल दिये जाने के बावजूद यह एक वास्तविकता है कि इस्लामाबाद को इसे लागू करने के मार्ग में बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा क्योंकि बहुत बड़ी संख्या में तालेबान, पाकिस्तान में मौजूद हैं इसलिए उनसे मुक़ाबला करना इतना सरल नहीं है जितना समझा जा रहा है।  विशेष बात यह है कि पाकिस्तान में तालेबान की उपस्थिति के बावजूद यह ही एक वास्तविकता है कि इस देश में कुछ सरकारी संस्थाओं की ओर से भी तालेबान का  समर्थन किया जाता रहा है जिसके कारण  संयुक्त राष्ट्रसंघ की सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव क्रमांक 1267 को व्यवहारिक बनाना इतना आसान नहीं है जितना इसे समझा जा रहा है।