इस प्रदर्शनी के उद्धाटन समारोह में भारत में ईरान के राजदूत अली चेगीनी, भारत के सांस्कृतिक परिषद के महानिदेशक अखिलेश मिश्रा, अफगानिस्तान, ताजेकिस्तान और पाकिस्तान के राजदूत तथा ईरानी संस्कृति में रुचि रखने वालों की बड़ी संख्या उपस्थित थी।
भारत में ईरानी राजदूत अली चेगीनी ने इस अवसर पर अपने भाषण में कहा कि नौरोज़, शांति व मित्रता का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि नये ईरानी वर्ष नौरोज़ का जश्न, आस्थाओं का सम्मान, कृपा, क्षमा, तथा अपने परिजनों से मेल जोल है जो कई हज़ार साल पुराना है।
इस अवसर पर अखिलेश मिश्रा ने ईरान व भारत की जनता के मध्य आध्यात्मिक संबंध का उल्लेख करते हुए कहा कि नौरोज़ में खुशियां बांटनी चाहिए।
याद रहे नौरोज़ का त्योहार, प्राचीन ईरानी त्योहार है जो दुनिया के 12 देशों में मनाया जाता है किंतु ईरान, अफगानिस्तान, ताजेकिस्तान, आज़रबाइजान गणराज्य, उज़बेकिस्तान, तुर्कमानिस्तान, क़ज़्ज़ाक़िस्तान, किर्गिस्तान और अलबानिया में नौरोज़ के नाम से मनाया जाता और इस दिन इन देशों में छुट्टी होती है।
संयुक्त राष्ट्र संघ की महासभा ने 23 फरवरी सन 2010 में एक प्रस्ताव पारित करके 21 मार्च को नौरोज़ विश्व दिवस घोषित किया।