यह सफलता ब़ाग़ूज़ नामक इलाक़े में मिली है जो दाइशी आतंकियों का आख़िरी ठिकाना था। बाग़ूज़ वास्तव में फ़ुरात नदी के किराने स्थित छोटा से गांव है जहां कुछ दाइशी आतंकियों ने शरण ले रखी थी।
सीरियाई सेना ईरान और हिज़्बुल्लाह के साथ मिलकर पहले ही दाइशी आतंकियों का सफ़ाया कर चुकी थी लेकिन उस समय जब सीरियाई सेना ने फ़ुरात नदी के पूर्वी इलाक़े में दाइश के ठिकानों पर हमले शुरू किए थे तो क़रीब के इलाक़े में मौजूद अमरीकी सैनिकों ने रुकावट डाली जिसके बाद दाइशी आतंकियों पर हमले रुक गए थे। अब अमरीका द्वारा समर्थित कुर्द फ़ोर्सेज़ ने इस छोटे से गांव में बचे खुचे दाइशी तत्वों का सफ़ाया कर दिया। अधिकतर आतंकियों ने हथियार डाल कर आत्म समर्पण कर दिया।
दाइश का अंत हो जाने के बाद सीरिया की धरती पर अमरीकी सैनिकों के बने रहने का कोई कारण नहीं रह जाता लेकिन अमरीका के इसके बावजूद अपने कुछ सैनिक वहां तैनात रखने की कोशिश में है। अमरीका ने सीरियाई सरकार की अनुमति के बग़ैर ही इस इलाक़े में हस्तक्षेप किया और दावा किया कि वह दाइश से लड़ने के लिए अपने सैनिक तैनात कर रहा है लेकिन अमरीका ने अनेक अवसरों पर दाइशी आतंकियों की मदद की।
आतंकी संगठनों के बारे में अमरीका का रवैया बहुत जटिल और आपत्तिजनक है।