AhlolBayt News Agency (ABNA)

source : parstoday
सोमवार

18 मार्च 2019

6:59:22 pm
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सीरिया ने अमेरिका पर युद्धापराध का आरोप लगाया

सीरिया की सरकार ने आतंकवादी गुट दाइश से मुकाबले के लिए अमेरिका की अगुवाई में बने तथाकथित अंतरराष्ट्रीय गठबंधन पर युद्धापराध का आरोप लगाया है।

अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी की ओर से सीरिया संकट की वर्षगांठ के अवसर पर जो विज्ञप्ति जारी हुई है उसे सीरिया के विदेशमंत्रालय ने एक एतिहासिक झूठ बताया है और कहा है कि जिन देशों ने इस विज्ञप्ति को जारी किया है वे सीरियाई और क्षेत्रीय देशों की जनता की हत्या के मूल ज़िम्मेदार हैं।

सीरिया के विदेशमंत्रालय ने बल देकर कहा है कि कभी भी इन देशों का आह्वान सीरिया के पुनर्निर्माण के लिए नहीं करेंगे। क्योंकि इन देशों को चाहिये कि इन्होंने जो हत्या और अपराध किये हैं उसकी कीमत अदा करें।

अमेरिका की अगुवाई में दाइश से मुकाबले के लिए बने तथाकथित अंतरराष्ट्रीय गठबंधन ने न केवल आतंकवाद से मुकाबला नहीं किया है बल्कि बड़े पैमाने पर उसने सीरिया की मौलिक सुविधाओं को ध्वस्त किया है और सीरिया की सेना को कमज़ोर बनाने को उसने अपनी कार्यसूची में शामिल कर रखा है।

इन कार्यवाहियों के साथ वह आतंकवादियों को मज़बूत बनाने के भी प्रयास में है। सुरक्षा परिषद के कुछ सदस्य देशों ने भी सीरिया के खिलाफ एकपक्षीय प्रतिबंध लगाकर इस देश के विरुद्ध अपने आर्थिक आतंकवाद को पूरा किया।

सीरिया की सरकार ने बारमबार राष्ट्रसंघ और सुरक्षा परिषद के अध्यक्षों के नाम पत्र लिखकर उनका आह्वान किया था कि अमेरिका की अगुवाई में बना गठबंधन सीरिया में इस देश की अनुमति के बिना जो कुछ कर रहा है उसे वे बंद करायें।

आतंकवादी गुट दाइश से मुकाबले के लिए अमेरिका की अगुवाई वाले तथाकथित अंतरराष्ट्रीय गठबंध का गठन अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के सत्ताकाल में हुआ था।

यह ऐसी स्थिति में है जब आधिकारिक रिपोर्टों के अनुसार अमेरिका, पश्चिमी और अरब देशों ने दाइश को बनाया और इन्हीं देशों को दाइश सहित दूसरे आतंकवादी गुटों का व्यापक समर्थन करने वाला समझा जाता है और दाइश से मुकाबले पर आधारित अमेरिकी दावे को शताब्दी का सबसे बड़ा झूठ समझा जाता है।

जनेवा में एक राजनीतिक व सामाजिक अध्ययन केन्द्र ने भी अपनी रिपोर्ट में बल देकर कहा है कि आतंकवाद से मुकाबले के दावे में पश्चिमी देश सच्चे नहीं हैं और सीरिया में आतंकवादियों को भेजने के लिए वे अपने घटकों का समर्थन करते हैं।

बहरहाल अब इस वास्तविकता से पर्दा उठ चुका है कि सीरिया संकट पश्चिमी देशों और कुछ अरब सरकारों के हस्तक्षेप का परिणाम है और आतंकवाद से मुकाबले के संबंध में उनके जो दावे हैं वह झूठ से अधिक कुछ और नहीं है।