AhlolBayt News Agency (ABNA)

source : parstoday
रविवार

24 फ़रवरी 2019

4:23:34 pm
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परवेज़ मुशर्रफ़ का विवादित बयान, भड़के पाकिस्तानी, परमाणु युद्ध तक की बात कह गये

पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज़ मुशर्रफ़ ने दुबई में पत्रकारों से बात करते हुए अतिग्रहणकारी ज़ायोनी शासन के हवाले से ऐसा बयान दिया जिसने पाकिस्तान सहित पूरी दुनिया को चौंका दिया।

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान थोड़ा सा प्रयास करके इस्राईल के साथ संबंधों को ठीक कर सकता है। उनका कहना था कि इस्राईल, पाकिस्तान को मुसलमानों की परमाणु शक्ति मानता है और अपने लिए ख़तरा महसूस करता है जिसके कारण हमारे बीच दूरी है, मैंने अपने राष्ट्रपति काल में एक तीसरे देश से यह कहा कि हमारे विदेशमंत्री से तुर्की में इस्राईली अधिकारियों से मुलाक़ात करवा दें, दूसरे ही दिन इस्राईली प्रधानमंत्री का संदेश आया कि जब चाहें, दुनिया में जहां चाहें, हम मुलाक़ात के लिए तैयार हैं।

पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज़ मुशर्रफ़ का कहनाथा कि अब भी कोई समस्या नहीं है, हमें भारत के साथ मुक़ाबले के लिए इस्राईल के साथ संबंध ठीक करने चाहिए।

श्री परवेज़ मुशर्रफ़ ने कहा कि भारत, पाकिस्तान पर 20 परमाणु बम गिरा सकता है तो हमें भारत की संपूर्ण तबाही के लिए 50 परमाणु बम गिराना होगा। पाकिस्तान और भारत के बीच जारी हालिया तनाव पर परवेज़ मुशर्रफ़ का कहना था कि भारत नियंत्रण रेखा पर सर्जिकल स्ट्राइक कर सकता है, जबकि उन्हें वहां कई जगहों पर फ़ायदा है, किन्तु पाकिस्तान को इस प्रकार के हमलों के लिए तैयार रहना चाहिए। उनका कहना था कि भारत को कश्मीर में सर्जिकल स्ट्राइक के लिए काफ़ी सेना की आवश्यकता होगी।

पाकिस्तान और भारत के बीच परमाणु युद्ध की बात करते हुए परवेज़ मुशर्रफ़ ने कहा कि परमाणु युद्ध से बचना चाहिए क्योंकि यह साधारण नहीं है।

दूसरी ओर पाकिस्तान की राजनैतिक व धार्मिक हस्तियों ने पूर्व राष्ट्रपति और सेना प्रमुख परवेज़ मुशर्रफ़ के बयान पर कड़ी प्रतिक्रियाएं व्यक्त की हैं।

मजलिसे वहदते मुसलेमीन के महासचिव जनरल अल्लामा राजा नासि अब्बास जाफ़री, फ़िलिस्तीन फ़ाउंडेश्न पाकिस्तान के नेता साबिर अबू मरियम, जमाअते इस्लामी के नेता मुहम्मद हुसैन मेहनती, जाफ़रिया अलाएंस के प्रमुख अल्लाम अब्बास रज़ा कुमैली, सिंध एसेंबली के पूर्व सांसद महफ़ूज़ यार ख़ान सहित कई नेताओं ने परवेज़ मुशर्रफ़ के बयान की निंदा की है।

इन नेताओं ने कहा कि इस्राईल की इस्लाम से शत्रुता किसी से छिपी नहीं है, यहूदी और ईसाई, मुसलमनों को नुक़सान पहुंचाने का कोई अवसर हाथ से नहीं जाने देते, इस्राईल से अच्छाई की आशा नहीं करनी चाहिए। अल्लामा जाफ़री ने कहा कि इस्राईल से संबंध की बात, पाकिस्तान के विचार का खंडन और क़ायदे आज़म के निर्देशों से पथभ्रष्टता है।