AhlolBayt News Agency (ABNA)

source : parstoday
शुक्रवार

15 फ़रवरी 2019

3:39:49 pm
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पाकिस्तान सऊदी गठबंधन का भाग नहीं बनेगाः महमूद क़ुरैशी

पाकिस्तान के विदेशमंत्री ने कहा है कि यमन के खिलाफ आले सऊद का जो सैनिक गठबंधन है इस्लामाबाद कभी भी उसका भाग नहीं बनेगा।

सऊदी युवराज की पाकिस्तान यात्रा के अवसर पर शाह महमूद क़ुरैशी ने कहा है कि पाकिस्तान यमन के खिलाफ युद्ध में शामिल नहीं होगा।

सऊदी युवराज मोहम्मद बिन सलमान की पाकिस्तान यात्रा में मात्र कुछ ही दिन बचे हैं और सऊदी अरब ने तथाकथित आतंकवाद विरोधी एक प्रतिनिधिमंडल पाकिस्तान भेजा था जिसकी अध्यक्षता पाकिस्तान की थल सेना के पूर्व प्रमुख राहिल शरीफ़ ने की।

राहिल शरीफ़ और उनके साथ पाकिस्तान गये प्रतिनिधिमंडल ने इस देश के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान, विदेशमंत्री शाह महमूद कुरैशी, सिनेट अध्यक्ष सादिक़ सन्जरानी और सेना प्रमुख क़मर जावेद बाजवा से भेंटवार्ता की।

पाकिस्तान के विदेशमंत्री शाह महमूद कुरैशी ने जो यह कहा कि उनका देश यमन के खिलाफ बने गठबंधन में शामिल नहीं होगा, यह बात कम से कम सऊदी अधिकारियों को पसंद नहीं आयेगी।

यह पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान की सरकार ने कहा है कि इस्लामाबाद यमन के खिलाब बने गठबंधन में शामिल नहीं होगा। इससे पहले नवाज़ शरीफ की सरकार ने भी बारमबार इसी प्रकार की बात कही थी।  

पाकिस्तान के विदेशमंत्री ने सऊदी गठबंधन में शामिल न होने पर बल दिया है परंतु सऊदी अधिकारियों से 12 अरब डालर की सहायता लेने के संबंध में प्रधानमंत्री इमरान ख़ान की बात चीत और सऊदी अरब के सकारात्मक जवाब से पाकिस्तानी लोगों और इस देश के राजनीतिक गुटों में यह चिंता उत्पन्न हो गयी है कि इस 12 अरब डालर की सहायता के बदले पाकिस्तान को यमन के खिलाफ सऊदी अरब की अगुवाई में बने गठबंधन में शामिल होना पड़ेगा।

पाकिस्तान के राजनीतिक गुटों की चिंता को इमरान ख़ान के उस वक्तव्य के परिप्रेक्ष्य में देखा जा सकता है जिसमें उन्होंने कहा है कि 12 अरब डालर की सऊदी सहायता के संबंध में सऊदी अरब के साथ जो समझौता हुआ है उसे वह सार्वजनिक नहीं करेंगे।

इस बात को ध्यान में रखना चाहिये कि सऊदी अरब ने यमन के खिलाफ जो युद्ध आरंभ कर रखा है उसमें अब तक उसे सफलता नहीं मिली है इसलिए वह पाकिस्तान सहित दूसरे देशों से सहायता लेकर यमन में मिलने वाली पराजय व अपमान की भरपाई करना चाहता है और जानकार हल्कों का मानना है कि सऊदी युवराज की निकट भविष्य में होने वाली पाकिस्तान यात्रा को इसी लक्ष्य की दिशा में देखा जाना चाहिये।