AhlolBayt News Agency (ABNA)

source : parstoday
शनिवार

2 फ़रवरी 2019

6:44:09 pm
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लेबनान में नई सरकार का गठन, सीरिया में हिज़्बुल्लाह की सफलता का परिणामः रोएटर्ज़

ब्रिटिश समाचार एजेंसी रोएटर्ज़ ने अपनी एक समीक्षा में लेबनान की नई सरकार में हिज़्बुल्लाह व उसके घटक दलों को अधिक मंत्रालय मिलने के बारे में लिखा है कि सीरिया में हिज़्बुल्लाह का संघर्ष समाप्त होने के बाद लेबनान की नई सरकार में उसका प्रभाव अधिक बढ़ जाएगा।

रोएटर्ज़ ने लिखा है कि 9 महीने तक चली खींच-तान के बाद अंततः लेबनान में नई सरकार का गठन हो गया है और पिछले सरकार में दो मंत्रालय हासिल करने वाले हिज़्बुल्लाह संगठन को नई सरकार में तीन क़लमदान मिले हैं। हिज़्बुल्लाह और उसके घटक दलों को कुल मिला कर 18 मंत्रालय मिले हैं और नई सरकार में उनकी पोज़ीशन काफ़ी मज़बूत है। लेबनान के अधिकतर टीकाकारों का कहना है कि नई सरकार के गठन का सेहरा हिज़्बुल्लाह के घटक स्वतंत्र राष्ट्रीय धड़े के सिर है जिसके प्रमुख मिशल औन हैं।

 

रोएटर्ज़ ने अपनी समीक्षा में लिखा है कि राष्ट्रीय एकता की नई सरकार में हिज़्बुल्लाह की भूमिका मज़बूत होने का अर्थ यह है कि यह संगठन सरकारी मामलों के संचालन में अपना प्रभाव दिखाएगा और सीरिया में युद्ध का नक़शा बश्शार असद के पक्ष में पलटने के बाद उसकी स्थिति काफ़ी मज़बूत हो गई है। समीक्षा में कहा गया है कि लेबनान में हिज़्बुल्लाह की शक्ति में वृद्धि, उस ध्रुव में ईरान के दिन प्रति दिन बढ़ते प्रभाव की सूचक है जो तेहरान से बग़दाद और दमिश्क़ तक फैल चुका है और सऊदी अरब व इस्राईल उसका मुक़ाबला करने की कोशिश कर रहे हैं।

 

रोएटर्ज़ ने लिखा है कि लेबनान की नई सरकार में हिज़्बुल्लाह को जो अहम क़लमदान मिला है वह स्वास्थ्य मंत्रालय का है। यह मंत्रालय इस दृष्टि से बहुत अहम है कि इसका बजट काफ़ी ज़्यादा है और कहा जाता है कि बजट की दृष्टि से यह लेबनान का चौथा बड़ा मंत्रालय है। हालांकि स्वास्थ्य मंत्री जमील जबक़, हिज़्बुल्लाह के सदस्य नहीं हैं लेकिन वे शिया हैं। हिज़्बुल्लाह का प्रभाव बढ़ने के बाद सऊदी अरब ने अपना ध्यान लेबनान के उन क्षेत्रों पर अधिक केंद्रित कर दिया था जहां शिया अधिक संख्या में नहीं हैं और इसी वजह से उन गुटों की स्थिति कमज़ोर हो गई जिन्हें सऊदी अरब का समर्थन हासिल था।

 

रोएटर्ज़ ने लिखा है कि हिज़्बुल्लाह के घोर विरोधी और साद हरीरी के घटक ईसाई नेता समीर जाजा को 9 महीने तक चली राजनैतिक वार्ता में मंत्रालयों के संबंध में काफ़ी झुकना पड़ा जबकि हिज़्बुल्लाह के घटक मिशल औन का दल विशिष्टताएं देने पर विवश नहीं हुआ। इस समाचार एजेंसी ने एक पश्चिमी कूटनयिक के हवाले से लिखा है कि हिज़्बुल्लाह के विरोधी, स्वास्थ्य मंत्रालय पर कड़ी नज़र रखेंगे क्योंकि उन्हें यह पता है कि इस मामले में अमरीका उनके साथ है। ज्ञात रहे कि लेबनान की नई सरकार के मंत्रीमंडल की पहली बैठक शनिवार को राष्ट्रपति मिशल औन, प्रधानमंत्री साद हरीरी, संसद सभापति नबीह बेर्री और अन्य मंत्रियों की सम्मिलिति से आयोजित हुई।