इस्राईली सेना के प्रवक्ता एविख़ई एदरई ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “तुम ख़ुद तो छिपे बैठे हो और ख़ुद तुम्हारे कथानुसार, तुम्हारे भाई मैदान में उतर चुके हैं और उन्होंने तुम्हें बताया है कि हर शनिवार को इस्राईली सेना छुट्टी पर होती है। रफ़ीक़ हरीरी और हिज़्बुल्लाह के नेता मुस्तफ़ा बदरुद्दीन की हत्या करके तुम कैसे सुकून से बैठे हो”
ग़ौरतलब है कि हिज़्बुल्लाह के प्रमुख नसरुल्लाह का बहुप्रतीक्षित इंटरव्यू शनिवार को अल-मयादीन टीवी चैनल से प्रकाशित हुआ है, जिसमें उन्होंने लेबनानी सीमा से लगे इलाक़ों में 4 सुरंगों को खोजकर नष्ट करने के इस्राईली सेना के दावों का मज़ाक़ उड़ाते हुए कहा है कि 2006 के युद्ध से भी पहले की 4 सुरंगों को नष्ट करके इस्राईल इतना गर्व महसूस कर रहा है, हालांकि किसी को क्या पता कि अगले संभावित युद्ध में हम इस्राईल पर समुद्र, ज़मीन या हवा से हमला करेंगे।
उन्होंने कहा कि 4 पुरानी सुरंगों को नष्ट करके ख़ुद को सुरक्षित बताना कितनी बचकाना हरकत है।
नसरुल्लाह के बयान पर इस्राईली सैन्य अधिकारियों का आग बगूला होना दिखाता है कि हिज़्बुल्लाह प्रमुख ने जिन वास्तविकताओं का उल्लेख किया है, उससे इस्राईली सेना कितनी घबराहट का शिकार है।
कहा जा रहा है कि इस्राईली सेना के प्रवक्ता की इस प्रतिक्रिया से ख़ुद ज़ायोनी शासन और इस्राईली प्रधान मंत्री नेतनयाहू ख़ुश नहीं हैं और नेतनयाहू ने अपने मंत्रियों से कहा है कि हिज़्बुल्लाह के महासचिव के बयान पर कुछ भी कहने से बचें।
इस्राईली सेना के प्रवक्ता एदरई ने इन सुरंगों के पुराने होने के नसरुल्लाह के बयान को ख़ारिज करते हुए कहा कि सुबूतों से पता चलता है कि इन सुरंगों को हाल ही में इस्तेमाल किया गया था।
हालांकि एदरई यह भूल गए कि हिज़्बुल्लाह प्रमुख ने यह कब कहा है कि यह सुरंगें हिज़्बुल्लाह के इस्तेमाल में नहीं थीं, उन्होंने तो यह रहस्योद्घाटन किया है कि यह सुरंगें 2006 के युद्ध से भी पुरानी हैं।
एदरई ने सीरिया में आतंकवादी गुटों के समर्थन और दाइश के घायल आतंकवादियों के इस्राईल में उपचार पर हसन नसरुल्लाह के बयान पर कहा, क्या कोई मुसलमान या अरब नसरुल्लाह की इन बातों पर विश्वास करेगा।
इस्राईली सेना के प्रवक्ता ने हिज़्बुल्लाह प्रमुख की लोकप्रियता को नज़र अंदाज़ करने की ऐसे समय में कोशिश की है कि जब हैशटैग नसरुल्लाह को सोशल मीडिया पर 13 करोड़ बार प्रयोग किया गया है।
वास्तव में विशेषज्ञों का कहना है कि लेबनान और सीरियाई सीमा पर हिज़्बुल्लाह की प्रभावशाली उपस्थिति से इस्राईल बौखलाहट का शिकार है और उसे अपना अवैध वजूद ख़तरे में नज़र आ रहा है।