मॉस्को ने कहा है कि अब वह दमिश्क़ के एयरपोर्ट के निकट हवाई हमले को सहन नहीं करेगा क्योंकि वह इस एयरपोर्ट की मरम्मत करना चाहता है।
लंदन स्थित अलक़ुद्स अलअरबी के अख़बार ने रूसी सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट में इस बात का उल्लेख किया है।
रूस का कहना है कि इस्राईल के हमले की वजह से वे एयरलाइन जो सीरिया में काम करना चाहती हैं, अपना फ़ैसला बदलने के बारे में सोच रही हैं।
इस्राईल आए दिन सीरियाई इलाक़ों में उन लक्ष्यों को निशाना बनाता है जो सीरियाई सेना और उसकी घटक फ़ोर्सेज़ के हैं।
पर्यवेक्षक इस्राईल के सीरिया पर हमले को इस देश में तकफ़ीरी आतंकवादी गुटों को मदद करने की कोशिश के रूप में देखते हैं जो सीरियाई सेना के हाथों बुरी तरह पराजित हुए हैं।
पिछले वर्ष सितंबर में रूस के एक टोही विमान को जिस पर 15 रूसी कर्मी सवार थे, सीरिया के मीज़ाईल लॉन्चर का निशाना बन कर इसलिए गिरा था क्योंकि सीरिया पर ज़ायोनी फ़ाइटर जेट ने हवाई हमले करने के बाद सीरियाई सेना की जवाबी कार्यवाही से बचने के लिए रूस के टोही विमान की आड़ ले ली थी। यह घटना सीरिया के लाज़ेक़िया प्रांत में सरकारी संस्थाओं पर इस्राईल के हवाई हमलों के दौरान घटी थी।
इस घटना के लिए रूस ने इस्राईल को ज़िम्मेदार ठहराया था और कहा था कि इस्राईल के फ़ाइटर जेट के पायलटों ने जान बूझकर रूसी विमान की आड़ ली थी ताकि बिना झिझक हवाई हमलें कर सकें।
इस घटना के बाद रूस ने इस्राईल के साथ सीरिया के ऊपर हवाई कार्यवाही का समन्वय न सिर्फ़ रोका बल्कि सीरिया को एस-300 मीज़ाईल तंत्र भी दिया।