बहरैन में आले ख़लीफ़ शासन के इशारे पर अदालत द्वारा रजब को 5 साल क़ैद की सज़ा सुनाए जाने पर यूरोपीय संघ ने कड़ी प्रतिक्रिया जताते हुए मनामा शासन से कहा है कि उन्हें तुरंत रिहा किया जाए।
ब्रिटिश विदेश मंत्रालय ने भी बहरैनी अदालत के इस फ़ैसले पर खेद जताया है।
एमनेस्टी इंटरनेश्नल ने एक बयान जारी करके नबील रजब के ख़िलाफ़ इस फ़ैसले को शर्मनाक और अपमानजनक बताया है।
एमनेस्टी इंटरनेश्नल ने आले ख़लीफ़ा शासन से कहा है कि बिना किसी शर्त के रजब को तुरंत आज़ाद करे।