इस्राईल के इस हमले पर रूस की कड़ी प्रतिक्रिया से यह ज़ाहिर है कि इस्राईल की हरकतों पर मास्को का संयम समाप्त हो चुका है। इस्राईल और मास्को के बीच पहले से ही तनाव जारी है। सीरिया के लाज़ेक़िया इलाक़े के तट से कुछ दूरी पर समुद्र में रूस का विमान मार गिराए जाने की घटना के बाद चरम पर पहुंच जाने वाले तनाव को कम करने के लिए इस्राईली प्रधानमंत्री नेतनयाहू ने कई बार रूसी राष्ट्रपति व्लादमीर पुतीन से मिलने की कोशिश की लेकिन पुतीन ने उन्हें मुलाक़ात का समय नहीं दिया।
रूस के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता इगोर कोनाशिन्कोफ़ ने अपने बयान में कहा कि रूस ने जीबीयू-39 प्रकार के 16 मिसाइल सीरिया पर फ़ायर किए जिनमें से सीरियाई एयर डिफ़ेन्स सिस्टम ने 14 मिसाइलों को हवा में ही ध्वस्त कर दिया। सीरियाई एयर डिफ़ेन्स सिस्टम की उपयोगिता और कामयाबी मिशन के बारे में रूसी रक्षा मंत्रालय का बयान इसलिए महत्वपूर्ण है कि रूस ने सीरिया को एस-300 मिसाइल डिफ़ेन्स सिस्टम दिया है जबकि इससे पहले भी सीरिया के पास रूसी निर्मित एयर डिफ़ेन्स सिस्टम थे। सीरिया के एयर डिफ़ेन्स सिस्टम की उपयोगिता और सफल कार्यवाही रूस के लिए इसलिए महत्वपूर्ण है कि इन उदाहरणों से रूस को अपने रक्षा उपकरणों के लिए नए बाज़ार मिलेंगे। हालिया कुछ महीनों के भीतर रूस के एस-400 मिसाइल डिफ़ेन्स सिस्टम का सौदा कई देशों ने किया है।
इस्राईल ने लेबनान की वायु सीमा में अपने 6 एफ़16 युद्धक विमानों से सीरिया की ओर मिसाइल फ़ायर किए। जिस समय इस्राईल ने यह हमला किया उस समय लेबनान की राजधानी बैरूत के एयरपोर्ट पर दो यात्री विमान लैंडिंग कर रहे थे अतः इस्राईल की यह हरकत बेहद ख़तरनाक थी।
रूसी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने भी इस बिंदु को ओर संकेत करते हुए कहा कि इस्राईल का यह हमला बैरूत में लैंडिंग कर रहे दोनों विमानों के लिए ख़तरनाक था।
इस्राईल के प्रधानमंत्री नेतनयाहू के सामने एक समस्या यह है कि हालिया हफ़्तों में उन्हें कई नाकामियों का सामना करना पड़ा है। उन्होंने ग़ज़्ज़ा पट्टी में अपने स्पेशल फ़ोर्स के माध्यम से बड़ी सैनिक कार्यवाही अंजाम देने की कोशिश की लेकिन फ़िलिस्तीनी संगठनों को इस्राईल के इस ख़ुफ़िया मिशन की जानकारी हो गई और यह मिशन नाकाम हो गया। इसके बाद इस्राईल और फ़िलिस्तीनी संगठनों के बीच जो युद्ध शुरू हुआ उसने इस्राईली सरकार को इतना भयभीत कर दिया कि 48 घंटे के भीतर उसे युद्ध विराम के लिए मजबूर होना पड़ा। इस्राईल ने युद्ध विराम के लिए मिस्र की मदद ली।
अगले साल अप्रैल महीने में इस्राईल में चुनाव होने वाले हैं और इस अवसर पर नेतनयाहू के हाथ बिलकुल ख़ाली हैं अतः वह कोई बड़ी सफलता हासिल करने की कोशिश में लगे हुए हैं मगर ट्रम्प को बार बार नाकामी का मुहं देखना पड़ रहा है।
सीरिया में राजधानी दमिश्क़ के पश्चिम में एक स्थान को निशाना बनाने की इस्राईल की कोशिश नाकाम हुई जबकि सीरिया की ओर से फ़ायर किया गया मिसाइल हैफ़ा में जाकर गिरा। यह नेतनयाहू के लिए बहुत बड़ी विफलता है क्योंकि इस्राईल ने अपना एयर डिफ़ेन्स सिस्टम इस तरह बनाया है कि बाहर से आने वाले हर मिसाइल या विमान को सीमा के नज़दीक ही मार गिराया जाए और उसे इस्राईल के भीतर प्रवेश का मौक़ा न दिया जाए। मिसाइल का हैफ़ा तक पहुंच जाना इस बात का चिन्ह है कि इस्राईल एयर डिफ़ेन्स सिस्टम उपयोगिता के पैमाने पर खरा नहीं उतरा है।
इस्राईली एयर डिफ़ेन्स सिस्टम की विफलता अमरीका के लिए भी गहरी चिंता का विषय है क्योंकि इसे अमरीकी तकनीक की नाकामी माना जाता है। वैसे भी इन दिनों रूस के एस-400 मिसाइल सिस्टम के ख़रीदार बढ़ रहे हैं जबकि अमरीकी पैट्रियट मिसाइल डिफ़ेन्स सिस्टम के प्रति दुनिया के देशों का आकर्षण कम हुआ है।