AhlolBayt News Agency (ABNA)

source : parstoday
बुधवार

26 दिसंबर 2018

2:57:30 pm
922255

नार्दर्न शील्ड ऑप्रेशन के बाद सीरिया में इस्राईल की एक और नाकामी

सीरियाई एयर डिफ़ेन्स सिस्टम ने मंगलवार की रात ज़ायोनी युद्धक विमानों से राजधानी दमिश्क़ पर फ़ायर हुए ज़्यादातर मीज़ाईलों को हवा में ही ध्वस्त कर दिया। ज़ायोनी फ़ाइटर जेट ने लेबनान की वायु सीमा का अतिक्रमण करते हुए दमिश्क़ पर यह हमला किया था।

सीरिया पर ज़ायोनी शासन का ताज़ा हमला, सीरिया से अमरीका के बाहर निकलने के फ़ैसले से उत्पन्न बौखलाहट और समीकरणों के बिगड़ने का संकेत दे रहा है। हालांकि ज़ायोनी शासन ने पिछले कुछ दिनों से सीरिया और लेबनान की सीमाओं पर अपनी गतिविधियां बढ़ायी हैं लेकिन यह ज़मीनी हमले की तय्यारी नहीं बल्कि सीरिया के ताज़ा हालात पर मानसिक प्रतिक्रिया लगती है। लेबनान की वायु सीमा का उल्लंघन करते हुए दमिश्क़ पर इस्राईल के हमले और लेबनान की दक्षिणी सीमा से मिले अतिग्रहित इलाक़े में इस्राईल की कथित नार्दर्न शील्ड कार्यवाही की नाकामी के बीच संबंध से इंकार नहीं किया जा सकता, क्योंकि नार्दर्न शील्ड कार्यवाही से ज़ायोनी प्रधान मंत्री को किसी तरह का कोई फ़ायदा नहीं पहुंचा बल्कि उनकी आलोचना ही हुयी।

सीरिया के संबंध में ट्रम्प के अचानक फ़ैसले से ज़ायोनी शासन के राजनैतिक हल्क़ों को गहरा धक्का लगा है। यही वजह है कि ट्रम्प के फ़ैसले के कुछ ही दिन के भीतर इस्राईली मंत्रीमंडल ने संसदीय चुनाव को निर्धारित तारीख़ से पहले कराने की बात कही है। इसलिए ज़ायोनी शासन का राजनैतिक विघटन, ग़ज़्ज़ा पट्टी में प्रतिरोधी गुटों की वीरता भरी कार्यवाही, हिज़्बुल्लाह का लेबनान पर अतिक्रमण होने की स्थिति में अतिक्रमणकारियों के हाथ काटने के लिए पूरी तय्यारी का एलान, पश्चिमी तट में प्रतिरोधी गुटों का मुंहतोड़ जवाब और अंत में सीरिया से अमरीका फ़रार करने और ज़ायोनियों को पीठ दिखाने का नतीजा है। इन अहम बदलाव से साबित होता है कि प्रतिरोध न सिर्फ़ जंग के मैदान बल्कि राजनैतिक समीकरण में भी सबसे अधिक प्रभावी है और वह दुश्मन की हार का क्षेत्र संघर्ष के मैदान से राजनैतिक क्षेत्र तक फैला सकता है। इन्हीं सब बातों के मद्देनज़र सीरिया सहित क्षेत्र में इस्राईल को लगातार नाकामी हो रही है।