AhlolBayt News Agency (ABNA)

source : parstoday
गुरुवार

20 दिसंबर 2018

4:33:00 pm
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क्या अलजलील का इलाक़ा इस्राईल के चंगुल से निकालना चाहता था हिज़्बुल्लाह? हिज़्बुल्ला के सूत्रों ने हमें सुरंगों के बारे में क्या

आजकाल इस्राईली बयानों में उन सुरंगों की बातें कम हो गई हैं जिनके बारे में इस्राईली अधिकारियों ने दावा किया कि उत्तरी इलाक़ों में लेबनान की सीमा के आरपार यह सुरंगें बनी थीं और इस्राईल ने अपने आप्रेशन में इन सुरंगों को पता लगाकर उन्हें ध्वस्त कर दिया।

इन दिनों इस्राईली अधिकारी जान बूझ कर मीडिया को कुछ तथाकथित गुप्त सूचनाएं लीक कर रहे हैं जिनमें कहा जा रहा है कि हिज़्बुल्लाह ने इस्राईल पर हमला करके अलजलील इलाक़े को आज़ाद कराने की योजना बनाई थी।

वल्ला वेबसाइट ने जो इस्राईल सुरक्षा एजेंसियों के क़रीब समझी जाती है इस योजना के बारे में कहा कि हिज्बुल्लाह ने पैदल और मोटरसाइकिलों पर अपने सैनिकों को इस्राईली नियंत्रण वाले इलाक़ों में पहुंचाने और अचानक हमला करने की योजना बनाई थी।

हमें लगता है कि इस्राईली प्रधानमंत्री नेतनयाहू ने सुरक्षा परिषद में हिज़्बुल्लाह की निंद में प्रस्ताव पारित करवाने की कोशिश शुरू की है और इसी लक्ष्य के तहत अब यह नया ड्रामा शुरु किय गया है। रोचक बात यह है कि इस्राईली आप्रेशन की निगरानी करने वाली टीम ने इस पूरे आप्रेशन को मीडिया से दूर रखा लेकिन सीएनएन को एक सुरंग के भीतर जाकर वहां की वीडियो ग्राफ़ी करने की अनुमति दे दी।

हिज़्बुल्ला ने इस मामले में पूरी तरह ख़ामोश रहने की रणनीति अपनाई है और हिज़्बुल्लाह के प्रमुख सैयद हसन नसरुल्लाह की ओर से इस बारे में अब तक कोई बयान जारी नहीं किया गया है, मगर हिज़्बुल्लाह के कुछ क़रीबी सूत्रों ने रायुल यौम को बताया कि इस्राईल ने जिन चार सुरंगों को ढूंढा है उनके बारे में तो उसे 2010 से ही पूरी जानकारी थी क्योंकि इस्राईली इंटेलीजेन्स के एक एजेंट ने इन सुरंगों की जासूसी कर दी थी और हिज़्बुल्लाह की इंटेलीजेन्स ने उस एजेंट को गिरफ़तार भी कर लिया था जिसके बाद एजेंट ने क़बूल कर लिया कि उसने इन सुरंगों के बारे में इस्राईली ख़ुफ़िया एजेंसी को बता दिया है। मगर इन सुरंगों का एलान इस्राईली अधिकारियों ने दो हफ़्ता पहले किया। यह वास्तव में सीरिया में सीरियाई सेना और हिज़्बुल्लाह को मिलने वाली बहुत बड़ी सफलता और इस्राईल की योजनाओं की विफलता पर पर्दा डालने की कोशिश है। हिज़्बुल्लाह के सूत्रों ने कहा कि नेतनयाहू ग़ज़्ज़ा पट्टी में भी इस्राईल को मिलने वाली पराजय पर पर्दा डालने की कोशिश में हैं इसीलिए इस इलाक़े में सुरंगें खोजने का अभियान शुरू किया गया।

हिज़्बुल्लाह के सूत्रों का कहना है कि हिज़्बुल्लाह की सुरंगों को खोज पाना इस्राईल के बस की बात नहीं है और दूसरी बात यह है कि हिज्बुल्लाह के पास अब एसे मिसाइल आ गए हैं जो बड़े सटीक रूप में अपने टारगेट को ध्वस्त करते हैं तो फिर हिज़्बुल्लाह को अब सुरंगों की ज़रूरत भी नहीं रही है।

हमें यह नहीं पता कि इस बड़े पैमाने पर राजनैतिक और प्रचारिक हंगामे का कुछ असर होगा या नहीं और सुरक्षा परिषद की ओर से हिज्बुल्लाह के ख़िलाफ़ प्रस्ताव पारित होगा या रूस उसे वीटो कर दूगा मगर हम यह जानते हैं कि हिज़्बुल्लाह से जुड़े लोग उस समय बड़े सुकून से हैं और यह देख रहे हैं कि बार बार शिकायत लेकर अब अरब देश नहीं बल्कि इस्राईल सुरक्षा परिषद में जा रहा है जबकि पहले इसका उल्टा था।

हमें नहीं लगता कि यदि सुरक्षा परिषद से प्रस्ताव पारित हो गया और उसमें हिज्बुल्ला पर प्रतिबंध लगाया गया तो इसका हिज़्बुल्लाह या उसके नेताओं पर कुछ असर भी होगा या नहीं?

क्योंकि अमरीका की जेब में प्रतिबंध लगाने के रूप में जो कुछ हथकंडे थी वह सब समाप्त हो चुके हैं। वह हिज़्बुल्लाह को आतंकी संगठन कह चुका है, वह हिज़्बुल्लाह की संपत्ति ज़ब्त करने का निर्णय भी ले चुका है उसने हिज़्बुल्लाह के साथ किसी भी प्रकार के वित्तीय लेनदेन को रोक रखा है। बल्कि यह प्रतिबंध तो अब उल्टा परिणाम देने लगे हैं।