AhlolBayt News Agency (ABNA)

source : parstoday
मंगलवार

18 दिसंबर 2018

1:23:03 pm
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हज़रत फ़ातिमा मासूमा (अ) की वफ़ात, पवित्र शहर क़ुम और पूरा ईरान शोकाकुल

हज़रत फ़ातिमा मासूमा सलामुल्लाह अलैहा हज़रत इमाम मूसा काज़िम अलैहिस्सलाम की सबसे बड़ी और सबसे प्रतिष्ठित सुपुत्री थीं।

इस्लामी गणतंत्र ईरान में हज़रत फ़ातिमा मासूमा (स) की वफ़ात के अवसर पर हर ओर शोक की लहर है। पूरा ईरान इस अवसर पर शोकाकुल है, विषेशकर पवित्र शहर क़ुम और मशहद में हज़ारों की संख्या में एकत्रित हुए श्रद्धालु शोक सभाओं में भाग लेकर हज़रत फ़ातिमा मासूमा को श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं।

पैग़म्बरे इस्लाम के पौत्र और शिया मुसलमानों के आठवें इमाम, हज़रत इमाम अली रज़ा अलैहिस्सलाम को जब उन्हें अपना वतन मदीना छोड़ने पर मजबूर किया गया तो उन्होंने अपनी बहन, हज़रत मासूमा से विशेष रूप से विदाई ली थी। वह दोनों अपने नाना पैग़म्बरे इस्लाम के मज़ार पर गए और उनसे विदाई ली फिर दोनों भाई बहन एक दूसरे से विदा हुए। कुछ समय बीत जाने के बाद हज़रत मासूमा अपने भाई इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम की दूरी के कारण बीमार रहने लगीं और फिर उन्होंने यह तय किया कि वह अपने भाई के पास उत्तरपूर्वी ईरान के तूस नगर जाएं और उनसे मुलाक़ात करें, लेकिन भाग्य विधाता ने कुछ और लिखा था इसी लिए जब वह ईरान के कुम नगर पहुंची तो वहीं उनकी तबीअत ज़्यादा ख़राब हो गई और और इसी नगर में उनका स्वर्गवास हो गया।

हज़रत मासूमा की वफ़ात पर हमारे विशेष कार्यक्रम को सुनने और पढ़ने के लिए क्लिक करेंः इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम की बहन हज़रत फातेमा मासूमा की वफात

हज़रत मासूमा की वफ़ात अरबी महीने की 10 रबिउस्सानी को हुई थी। आपकी वफ़ात की ख़बर सुनते ही उस समय पवित्र क़ुम नगर शोक में डूबा गया था। क़ुम वासियों ने बड़े सम्मान के साथ आपका अंतिम संस्कार किया था। इतना समय बीत जाने के बाद भी आज पवित्र नगर क़ुम हज़रत मासूमा की वफ़ात के मौक़े पर पूरी तरह शोक में डूब जाता है। दुनिया भर से हज़ारों की संख्या में श्रद्धालु आपके रौज़े पर पहुंच कर सजल नेत्रों से आपको श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।

पार्स टुडे हिन्दी इस शोक के अवसर पर अपने सभी पाठकों और श्रोताओं की सेवा में हार्दिक संवेदना व्यक्त करते हैं।