बहरैन के विदेश मंत्री ख़ालिद बिन अहमद आले ख़लीफ़ा ने अपने ट्वीट के माध्यम से इस्राईल का खुला समर्थन किया है और इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन हिज़्बुल्लाह को आतंकवादी गुट क़रार देते हुए यह प्रश्न किया है कि “क्या हिज़्बुल्लाह द्वारा सुरंगों का खोदा जाना लेबनान की स्थिरता के लिए ख़तरा नहीं है?” इसके तुरंत बाद ज़ायोनी शासन की सेना के प्रवक्ता ने बहरैन के विदेश मंत्री के ट्वीट का स्वागत करते हुए उसे दोबारा अपने ट्वीट में शामिल करके वायरल किया है।
इस बीच बहरैन के विदेश मंत्री द्वारा इस्राईल नवाज़ी किए जाने पर सोशल मीडिया पर काफ़ी हंगामा है। अरब देशों के ज़्यादातर लोग बहरैन की आले ख़लीफ़ा सरकार के मंत्री द्वारा ज़ायोनी शासन के समर्थन में किए गए ट्वीट का कड़ा विरोध कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर ख़ालिद बिन अहमद आले ख़लीफ़ा का मज़ाक़ भी बनाया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि इस्राईल ने 4 दिसंबर को यह दावा किया था कि उसने एक सैन्य अभियान के दौरान हिज़्बुल्लाह द्वारा खोदी जाने वाली सुरंगों का पता लगाकर उन्हें तबाह कर दिया है।
याद रहे कि बहरैन के विदेश मंत्री का बयान ऐसे समय में सामने आया है कि जब लेबनान सरकार ने इस्राईल को आक्रमणकारी क़रार दिया है। इस्राईल दक्षिणी लेबनान के “शअबा फ़ार्म”, “कफ़र शूबा की पहाड़ियां” और ग़जर टाऊन के इलाक़ों पर अवैध रूप से कब्ज़ा किए हुए है। लेबनान सरकार लगातार संयुक्त राष्ट्र संघ से उसके क्षेत्रों पर इस्राईल द्वारा किए गए क़ब्ज़ों को खाली कराने की अपील करता आ रहा है।