AhlolBayt News Agency (ABNA)

source : parstoday
बुधवार

5 दिसंबर 2018

5:01:42 pm
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सऊदी अरब के राजदूत को देश से निकाल दिया जायेः इंडोनेशिया के धर्मगुरू

प्रतीत यह हो रहा है कि इंडोनेशिया के धर्मगुरूओं के इस्लामी संगठन ने सऊदी अरब के राजदूत को निकाले जाने की जो मांग की है वह सऊदी अरब में काम करने वाले इंडोनेशियाई नागरिकों के साथ सऊदी सरकार और इस देश के अरब अधिकारियों व ज़िम्मेदारों के बर्ताव से असंबंधित नहीं है।

इंडोनेशिया के धर्मगुरूओं के संगठन ने इस देश से सऊदी अरब के राजदूत को तुरंत निकाले जाने की मांग की है।

इंडोनेशिया के धर्मगुरूओं का संगठन इस देश का सबसे बड़ा संगठन है और उसने इस देश के आंतरिक मामलों में सऊदी अरब के राजदूत पर हस्तक्षेप का आरोप लगाया और इस देश की सरकार से सऊदी अरब के राजदूत को तुरंत निकाले जाने की मांग की है।  

प्रतीत यह हो रहा है कि इंडोनेशिया के धर्मगुरूओं के इस्लामी संगठन ने सऊदी अरब के राजदूत को निकाले जाने की जो मांग की है वह सऊदी अरब में काम करने वाले इंडोनेशियाई नागरिकों के साथ सऊदी सरकार और इस देश के अरब अधिकारियों व ज़िम्मेदारों के बर्ताव से असंबंधित नहीं है।

प्राप्त रिपोर्टों के अनुसार सऊदी अरब में काम करने वाले इंडोनेशियाई नागरिकों में से कुछ के सिर कलम करने की ख़बर के प्रकाशित होने से इंडोनेशिया के लोग आले सऊद से बहुत घृणित और क्रोधित हैं।

यद्यपि सऊदी अरब के इस अपराध पर इंडोनेशिया के राष्ट्रपति ने भी प्रतिक्रिया दिखाई है और उसकी भर्त्सना की है पंरतु इंडोनेशिया के धर्मगुरूओं के इस्लामी संगठन के अनुसार यह कार्य काफी नहीं है और उसने इस देश की सरकार का आह्वान किया है कि वह जल्द से जल्द सऊदी अरब के राजदूत ओसामा बिन मोहम्मद अश्शुएबी को इंडोनेशिया से निकाल कर देश से बाहर रहने वाले नागरिकों की प्रतिष्ठा की सुरक्षा करे।

इस्लामी मामलों के एक विशेषज्ञ सैयद अली वासिफ़ कहते हैं कि सऊदी अरब द्वारा मुसलमानों की हत्या मानवता के खिलाफ अपराध है और इस संबंध में किसी प्रकार का संदेह नहीं है। हज के समय की हृदयविदारक घटनाओं और यमन में सऊदी अरब द्वारा किये जा रहे जनसंहारों को इसी परिप्रेक्ष्य में देखा जा सकता है।

इंडोनेशिया के धर्मगुरूओं का इस्लामी संगठन दाइश सहित दूसरे आतंकवादी गुटों का मुखर विरोधी है और उसका मानना है कि समस्त धर्मों और इस्लामी संप्रदायों के साथ शांतिपूर्ण ढंग से मिलजुल कर रहना चाहिये।

यह वह दृष्टिकोण है जो धर्मभ्रष्ट वहाबी संप्रदाय के दृष्टिकोण के बिल्कुल विपरीत है जबकि सऊदी शासक धर्मभ्रष्ट विचार धारा को पूरी दुनिया में फैलाने के लिए अरबों डालर ख़र्च कर रहे हैं।

बहरहाल इंडोनेशिया के धर्मगुरूओं के इस्लामी संगठन की मांग यह दर्शाती है कि इस देश के धर्मगुरू और विद्वान भी सऊदी अरब की गतिविधियों से चिंतित हैं और सऊदी अरब के राजदूत को इंडोनेशिया से निकाले जाने पर आधारित उनकी मांग को भी इसी परिप्रेक्ष्य में देखा जा सकता है।