कर्नल रॉय लेवी ने इस्राईली सेना की माराख़ोत पत्रिका में प्रकाशित हुए अपने लेख में टारगेट किलिंग्स या लक्षित हत्याओं पर बल देते हुए कहा है कि सैय्यद हसन नसरुल्लाह की हत्या कमांडोज़ के ज़रिए की जानी चाहिए, जिन्हें वायु सेना का समर्थन हासिल हो।
लेवी अपने लेख में लिखते हैं, वे (नसरुल्लाह) अपने व्यक्तित्व और सैन्य अनुभव की वजह से ग्रैविटी केंद्र में परिवर्तित हो गए हैं। अगर उन्हें निशाना बनाया जाता है तो उनके वरिष्ठ कमांडरों से लेकर आम सैनिकों तक की लड़ाई की भावना को नुक़सान पहुंचेगा।
इस्राईली कमांडर ने लेबनान के भीतर सैन्य अभियान की वकालत करते हुए कहा है कि इस तरह के अभियान में जोखिम से ज़्यादा लाभ होगा।
ग़ौरतलब है कि इस्राईल वर्षों से हिज़्बुल्लाह प्रमुख की हत्या का सपना देख रहा है और उसकी यह इच्छा 2006 में हिज़्बुल्लाह के हाथों अपमानजनक हार के बाद तो मानो मुंगेरी लाल के सपनों में बदल गई है।