AhlolBayt News Agency (ABNA)

source : parstoday
सोमवार

26 नवंबर 2018

1:36:58 pm
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इस्राईली रिपोर्टों में अटकलें कि सैयद हसन नसरुल्लाह ने गोलान हाइट्स का मोर्चा खोलने का कर लिया है निर्णय, कितनी सही हैं रिपोर्टे

इन दिनों इस्राईलियों में यह डर व्याप्त है कि गोलान हाइट्स का मोर्चा कभी भी खुल सकता है और हिज़्बुल्लाह के प्रमुख सैयद हसन नसरुल्लाह दक्षिणी लेबनान और ग़ज़्ज़ा पट्टी के मोर्चों के बाद अब गोलान हाइट्स का मोर्चा खोलने वाले हैं।

हालिया दिनों इस्राईली मीडिया ने कई रिपोर्टें प्रकाशित की जिनमें यह बताया गया कि सैयद हसन नसरुल्लाह ने ईरानियों के प्रोत्साहन पर गोलान हाइट्स का मोर्चा खोलने का स्ट्रैटेजिक निर्णय ले लिया है क्योंकि दो महीने पहले दक्षिणी सीरिया से सरकार विरोधी संगठनों को बाहर निकालने और इस इलाक़े के पूरी तरह सीरियाई सरकार के नियंत्रण में वापस आ जाने के बाद हालात अनुकूल हो चुके हैं।

हिज़्बुल्लाह ने कई साल से गोलान हाइट्स के मोर्चे को अपनी प्राथमिकता में रखा है और इसी योजना पर उसने दो महान शहीदों समीर क़िनतार तथा उनके सहयोगी जेहाद मुग़निया की क़ुरबानी दी जो इस मोर्चे पर काम कर रहे थे और इस्राईली हमले में शहीद होने से पहले दोनों ने ईरान की क़ुद्स फ़ोर्स के कमांडर जनरल क़ासिम सुलैमानी के समर्थन से इस मोर्चे पर काफ़ी काम सफलता से पूरे कर लिए थे।

हिज़्बुल्लाह ने फिलहाल शहीद क़िनतार का स्थान लेने वाले कमांडर का नाम पर्दे में रखा है लेकिन इस्राईलियों में गहरी चिंता है बल्कि यह कहना चाहिए कि वह बुरी तरह डरे हुए हैं और इस्राईली मीडिया कह रहा है कि इस्राईली सेना गोलान के इलाक़े में गतिविधियां कर रही है। यहीं से यह बात समझ में आती है कि इस्राईली सेना के चीफ़ आफ़ स्टाफ़ गादी आयज़नकोट अपने कई सहयोगियों के साथ गोलान हाइट्स के दौरे पर क्यों गए? उन्होंने बल देकर कहा कि इस्राईली सेना सीरिया में पैठ बनाने की ईरानी सेना की सभी कोशिशों को नाकाम बना देगी।

इस्राईलियों की इस चिंता में डोनल्ड ट्रम्प सरकार भी साझीदार है और वह भी इस इलाक़े में इस्राईली सेना की गतिविधियों का समर्थन कर रही है। यह बात भी ध्यान योग्य थी कि संयुक्त राष्ट्र संघ में अमरीका की राजदूत निकी हेली ने इस साल अपना कार्यकाल पूरा करने से पहले महासभा में उस प्रस्ताव के ख़िलाफ़ वोट दिया जो हर साल पास होता है और जिसमें गोलान हाइट्स पर इस्राईल के ग़ैर क़ानूनी क़ब्ज़े की निंदा की जाती है और इस क़ब्ज़े को गैर क़ानूनी घोषित किया जाता है। इस प्रस्ताव के समर्थन में 151 देशों ने मतदान किया और 14 देशों ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया। निकी हेली ने अपने इस घटिया क़दम का तर्क पेश करते हुए कहा कि सीरिया में ईरान की सैनिक उपस्थिति पर आपत्ति स्वरूप अमरीका ने प्रस्ताव के विरोध में मतदान किया।

एसा लगता है कि अमरीका की जीनी एनर्जी कंपनी और उसकी इस्राईली वेंचर को गोलान हाइट्स के इलाक़े में तेल और गैस खोजने की अनुमति दिए जाने के नतीजे में गोलान हाइट्स के मोर्चे पर लड़ाई और भी जल्दी शुरू होगी। यह लड़ाई सीरिया के इदलिब प्रांत की लड़ाई को निपटा लेने के तत्काल बाद शुरू हो सकती है जिसकी तैयारी पूरी हो चुकी है। एक बिंदु यह भी महत्वपूर्ण है कि अमरीका के पूर्व उप राष्ट्रपति डिक चेनी जो वर्ष 2003 में इराक़ पर अमरीका के हमले के बड़े समर्थकों में थे, इस कंपनी के सलाहकारों में हैं इसी तरह विख्यात मीडिया साम्राज्य के प्रमुख रयूपर्ट मर्दोख़ और सीआईए के पूर्व प्रमुख जेम्ज़ वेल्सी भी शामिल हैं।

यदि गोलान हाइट्स का मोर्चा खुल गया जिसकी संभावना बहुत प्रबल है तो इससे इस्राईली भारी मुसीबत में पड़ जाएगा। क्योंकि दक्षिणी लेबनान का मोर्चे पहले ही इस्राईल के लिए जहन्नम बुन चुका है और उसे वहां से वर्ष 2000 में अपने सैनिकों को बाहर निकालने पर मजबूर होना पड़ा था।

इस्राईल अब तीन तरफ़ से घिर चुका है। उसके उत्तर में हिज्ब़ुल्लाह है, दक्षिण में हमास के नेतृत्व में फ़िलिस्तीनी संगठन हैं और पूरब में सीरियाई सेना और हिज़्बुल्ला का एलायंस है।

एसा लगता है कि सैयद हसन नसरुल्लाह ने जो भविष्यवाणी की थी और जो चेतावनी दी थी कि आने वाली जंग में इस्राईली ईंधन बन सकते हैं अतः उन्हें समुद्र के रास्ते से भाग जाना चाहिए और पहले ही तैराकी सीख लेना चाहिए, उसका समय क़रीब आ चुका है। वैसे सही बात तो सैयद हसन नसरुल्लाह ही जानते हैं।

साभार रायुल यौम